
नई दिल्ली। डेंगू को एक गंभीर बीमारी माना है है। इस जानलेवा बीमारी से हर साल दुनियाभर में करोड़ो लोगों की मौत हो जाती है। मानसून आने के शुरूआती दौर में सबसे अधिक डेंगू के मामले सामने आते हैं। ऐसे में इस समय में ही सबसे अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत पड़ती है।
इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सरकार लोगों को समय-समय पर इससे सतर्क रहने की सलाह देती रहती है। डेंगू का लार्वा मुख्य तौर पर जमे हुए साफ पानी में उत्पन्न होता है। ये आमतौर पर जुलाई से लेकर अक्टूबर तक के महीन में पनपता है। यही कारण है कि इन चार महीनों में काफी सतर्क रहने की जरूरत होती है।
डेंगू की गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए सरकारी स्तर पर कई कार्यक्रम चलाये जाते हैं। हर साल मानसून आने के पहले 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। डेंगू दिवस को मनाने का मकसद है लोगों को इस जानलेवा बीमारी के प्रति अवेयर करना है।
इन बातों का रखें ध्यान
- डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से अलग होता है। ये मच्छर दिन की रोशनी में काटता है।
- गर्मियों की वजह से लगभग सभी घरों में कूलर का इस्तेमाल किया जाता है। कूलर में पानी जमा होने से डेंगू का लार्वा पैदा उसमे पैदा होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में कूलर का इस्तेमाल न होने पर उसका पानी निकाल दें और उसे सूखा लें।
- घर की छत पर रखे गमलों या किसी अन्य चीज में पानी जमा न होने दें। इसमें भी डेंगू लार्वा पैदा होने का खतरा रहता है।
- अपने घर के साथ ही आसपास की जगहों पर पानी इकट्ठा ना होने दें वरना उसमें भी डेंगू के लार्वा उत्पन्न हो सकता है।
- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी और स्प्रे का प्रयोग करें।
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