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National News: देश के कई राज्यों में हो रही तेज बारिश ने प्याज की खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचाने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में एक बार फिर प्याज की कीमतों में तेजी की संभावना नजर आ रही है। फिलहाल देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों खासकर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में प्याज की कीमतें काफी नीचे चल रही हैं, जिस वजह से किसान अपनी उत्पादन लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। लेकिन आने वाले दिनों में कीमतों में तेजी की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि इन सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में कई दिनों से जारी बारिश के मद्देनजर प्याज की खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ गई है।

दिल्ली की आजादपुर मंडी में व्यवसाय से जुड़े लोगों का अमर उजाला को बताया कि इस साल खरीफ सीजन में 20 से 25 फीसदी ज्यादा प्याज लगा है। लेकिन बारिश से महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में खेतों में लगी खरीफ वाले प्याज की फसल को नुकसान हुआ है.

जानकारों का कहना है कि मौजूदा बारिश से जहां एक और तैयार खरीफ फसलों को नुकसान हो रहा है। वहीं पछेती खरीफ फसलों को भी क्षति पहुंच रही है, जिसकी बुआई अभी की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ लगातार हो रही बारिश से टमाटर की फसल भी खराब हो रही है, जिससे यह लगातार महंगा हो रहा है। कुछ इलाकों में दाम बढ़कर 80 रुपये किलो तक पहुंच चुके हैं। कारोबारियों के मुताबिक आगे टमाटर के दाम बारिश पर निर्भर करेंगे।

अगले माह बढ़ सकते है प्याज के दाम

जानकारी के अनुसार, फिलहाल खरीफ प्याज की आवक कर्नाटक में और महाराष्ट्र में भी शुरू हो गई है। आमतौर पर महाराष्ट्र में खरीफ प्याज की आवक मुख्य रूप से अक्तूबर से शुरू होती है। वहीं इन राज्यों में पछेती खरीफ प्याज की रोपाई फिलहाल चल रही है। देश के कुल प्याज उत्पादन में जहां रबी प्याज की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है। जबकि खरीफ और पछेती खरीफ फसलों की हिस्सेदारी 20 फीसदी और 10 फीसदी के आसपास है। भारतीय सब्जी उत्पादक संघ से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र के साथ उत्तरी कर्नाटक के प्याज उत्पादक इलाकों में अच्छी बारिश हो रही है। इसके अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी बरसात हो रही है। खेतों में पानी भरने से प्याज की जड़ खत्म हो रही है, जिससे खरीफ सीजन वाले प्याज की फसल को नुकसान के कारण उत्पादन घट सकता है। इससे अगले महीने प्याज के दाम बढ़ सकते हैं। अभी किसानों को प्याज की ज्यादातर कीमत 10 से 14 रुपये किलो मिल रही है। बहुत अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज के भाव 17 रुपये किलो तक है। अगले महीने भाव बढ़कर 20 रुपये किलो के ऊपर जा सकते हैं।

इस वर्ष 25 फीसदी ज्यादा है प्याज

दिल्ली की आजादपुर मंडी में व्यवसाय से जुड़े लोगों का अमर उजाला को बताया कि इस साल खरीफ सीजन में 20 से 25 फीसदी ज्यादा प्याज लगा है। लेकिन बारिश से महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में खेतों में लगी खरीफ वाले प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। देश के कुल प्याज उत्पादन का 40 फीसदी से ज्यादा अकेले महाराष्ट्र में होता है। अगले महीने नई आवक शुरू होने तक अगर ज्यादा नुकसान हुआ तो प्याज की कीमतों में उछाल आ सकता है। वर्ष 2021.22 में प्याज का रिकॉर्ड 317 लाख टन उत्पादन हुआ था। जो वर्ष 2020.21 के 266 लाख टन से करीब 19 फीसदी ज्यादा है। इस समय मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की पिंपलगांव मंडी में प्याज 400 से 1,700 रुपये कर्नाटक के बेंगलुरु में 400 से 1,600 रुपये और दिल्ली की आजादपुर मंडी में 500 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश भर के खुदरा बाजारों में प्याज 12 से 60 रुपये किलो बिक रहा है। इसकी औसत कीमत 26.23 रुपये किलो है।

बारिश से नुकसान टमाटर को भी नुकसान, बढ़ेंगे दाम

लगातार हो रही बारिश से टमाटर की फसल भी खराब हो रही है, जिससे यह लगातार महंगा हो रहा है। कुछ इलाकों में दाम बढ़कर 80 रुपये किलो तक पहुंच चुके हैं। कारोबारियों के मुताबिक आगे टमाटर के दाम बारिश पर निर्भर करेंगे। इस माह दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर के दाम 10 से 25 रुपये से बढ़कर 10 से 44 प्रति किलो हो चुके हैं। हालांकि ज्यादातर टमाटर 20 से 35 रुपये किलो बिक रहा है।

थोक भाव बढ़ने से खुदरा बाजार में भी टमाटर की कीमतों में इजाफा हुआ है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक इस माह देश भर में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 34.64 रुपये से बढ़कर 43.84 रुपये प्रति किलो हो गई है। जबकि इस माह दिल्ली में टमाटर के खुदरा भाव 40 रुपये से बढ़कर 50 रुपये, लखनऊ में 38 रुपये से बढ़कर 48 रुपये, भोपाल में 25 रुपये से बढ़कर 30 रुपये और मुंबई में 27 रुपये से बढ़कर 28 रुपये किलो हो चुके हैं।
बारिश से टमाटर की फसल बर्बाद, महाराष्ट्र और एमपी से उम्मीद

दिल्ली की आजादपुर मंडी में इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के टमाटर उत्पादक इलाकों में बारिश से टमाटर का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। टमाटर में कीड़े लगने की संभावना है। बारिश के समय इसकी तुड़ाई भी प्रभावित हो रही है। लगातार बारिश से टमाटर की 20 से 25 फीसदी फसल बरबाद हो चुकी है। इससे अब उत्पादन घटने की आशंका है। बारिश से टमाटर को नुकसान के कारण आपूर्ति तो प्रभावित हुई है। इसके साथ ही बेंगलुरु और हिमाचल से आ रहे टमाटर की नई फसल खत्म होने की ओर है। अब महाराष्ट्र के नासिक और मध्यप्रदेश से नया टमाटर आएगा। आगे के भाव बारिश के ऊपर निर्भर करेंगे। दिल्ली की मंडियों में इस माह अब तक करीब 13,000 टन टमाटर की आवक हुई है। पिछले महीने करीब 23,000 टन टमाटर मंडियों में आया था।

 

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