आज हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्मदिवस. आज ही राष्ट्रीय खेल दिवस भी है . स्थानीय हाकी संघ के एक पदाधिकारी आज यहाँ बताया कि 1933 में मेजर ध्यानचंद एक प्रदर्शनी हॉकी मैच खेलने के लिए जमशेदपुर आये थे. ध्यानचंद की टीम ने 06-01 गोल से यह मैच जीता था, जिसमें ध्यानचंद ने तीन गोल किये थे.इस प्रकार उस जादूगर का जमशेद पुर से भी कनेक्शन बनता जो उस समय बिहार राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक केन्द्र था और अब जहाराखंड का प्रमुक शहर है .
29 अगस्त भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का जन्म दिवस है. उनकी याद को चिरस्थायी करने के लिए भारत सरकार ने उनके ही जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस का नाम दिया था.आपको बता दें कि भारतीय खेल के विकास में टाटा का बहुत बड़ा योगदान था. जब पहली बार भारत ने ओलिंपिक में पदक जीता था, तो उस समय भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष भी टाटा के सर दोराबजी टाटा ही थे.जमशेद पुर को टाटा नगर के नाम से भी जाना जाता है .
यह तो सभी जानते है कि ध्यानचंद अब तक के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों और ओलिंपियंस में से एक थे. उन्होंने भारत के लिए 1928, 1932 और 1936 में तीन ओलिंपिक स्वर्ण पदक अर्जित किये थे.उनके बाद भी भारत कई बार ओलम्पिक में हाकी के खेल में मेडल जीतता रहा. उन्हें गेंद पर उनके शानदार नियंत्रण के लिए ‘द विजार्ड’ या ’द मैजिशियन’ के रूप में जाना जाता है.
यह बात और है कि कालांतर में भारत का हाकी में वर्चस्व कम हो गया औए 1980 ओलंपिक के बाद 2021 के ओलम्पिक में भारत को सफलता मिल पाई.