Up Kiran, Digital Desk: देश के सबसे खौफनाक सीरियल किलिंग मामलों में से एक, निठारी कांड (Nithari killings) के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली (Surinder Koli) को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. लंबी कानूनी लड़ाई और जेल में बिताए लगभग दो दशक के बाद, सुरेंद्र कोली अब जेल से बाहर आ चुका है. यह खबर पूरे देश के लिए चौंकाने वाली है, खासकर पीड़ितों के परिवारों के लिए, जो इंसाफ का इंतजार कर रहे थे.
नोएडा के चर्चित निठारी कांड से जुड़े आखिरी बचे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया है. शीर्ष अदालत ने उसकी क्यूरेटिव याचिका स्वीकार की और उसकी सजा रद्द करते हुए तत्काल रिहाई का आदेश दिया था. बुधवार (12 नवंबर 2025) को लुक्सर जेल (Luksar Jail) के अधिकारियों ने सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद कोली को रिहा कर दिया. रिहाई के वक्त उसके वकील भी जेल परिसर में मौजूद थे
आपको याद होगा, 2006 में सामने आए इस हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था नोएडा के सेक्टर-31 में स्थित कारोबारी मनिंदर सिंह पंढेर (Moninder Singh Pandher) के डी-5 बंगले के पीछे एक नाले और खुले मैदान से कई बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे कोली उस बंगले में घरेलू सहायक के तौर पर काम करता था. इस जघन्य अपराध में कुल 16 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से कोली को 12 अन्य मामलों में पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2025 में उन सभी एक्विटल (बरी करने के फैसले) के खिलाफ दायर अपीलें खारिज कर दी थीं
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि आपराधिक कानून 'अनुमान या अटकलों' के आधार पर दोषसिद्धि की इजाजत नहीं देता है. कोर्ट ने इस बात पर निराशा भी जताई कि लंबी जांच के बावजूद वास्तविक अपराधी की पहचान कानूनी मानकों को पूरा करने वाले तरीके से स्थापित नहीं की जा सकी. अब कोली के जेल से बाहर आने के साथ ही इस भयानक निठारी कांड का कानूनी अध्याय तो समाप्त हो गया है, लेकिन इसके गहरे जख्म हमेशा बने रहेंगे

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