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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में आजकल गहमागहमी चल रही है, और सबकी नज़रें इस पर टिकी हैं कि राज्य में सरकार की कमान किसके हाथों में रहेगी. अब एक बड़ी ख़बर सामने आई है. जनता दल (यूनाइटेड), यानि JDU के सभी विधायकों ने मिलकर एक बार फिर अपने वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को पार्टी के विधायक दल का नेता चुन लिया है. इस फ़ैसले के बाद अब साफ हो गया है कि बिहार में अगली सरकार की बागडोर एक बार फिर उन्हीं के हाथों में होगी और शपथ ग्रहण समारोह (Oath Ceremony) की तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं.

क्या हुआ है इस चुनाव में?

दरअसल, यह एक औपचारिक प्रक्रिया होती है जिसमें नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक होती है और वे सर्वसम्मति या चुनाव के ज़रिए अपने नेता को चुनते हैं. इसी कड़ी में JDU के विधायक एक जगह इकठ्ठे हुए और सबने मिलकर नीतीश कुमार को अपना नेता चुन लिया. इस चुनाव का मतलब यह है कि उनकी पार्टी में उन पर पूरा भरोसा जताया गया है कि वे एक बार फिर बिहार को आगे ले जा सकते हैं.

क्यों ख़ास है यह फ़ैसला?

यह फ़ैसला बिहार के राजनीतिक स्थिरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. नीतीश कुमार ने लंबे समय से राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया है और उनके अनुभव को उनकी पार्टी में सराहा जाता है. इस घोषणा के बाद, राजनीतिक हलकों में अब बस शपथ ग्रहण की तारीख पर अटकलें लगाई जा रही हैं.

आगे क्या होगा?

नीतीश कुमार अब बाकी सहयोगी दलों के साथ मिलकर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ ही दिनों में बिहार में नए मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हो जाएगा.

बिहार के विकास और नई सरकार से जनता की उम्मीदें अब बढ़ गई हैं. देखना होगा कि नीतीश कुमार और उनकी नई टीम किस तरह राज्य के सामने मौजूद चुनौतियों का सामना करती है और प्रदेश को प्रगति की नई राह पर ले जाती है.