img

UP NEWS:उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटरों की प्रक्रिया में समस्याएँ उठाई जा रही हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ये मीटर जिन उद्देश्य के लिए लगाए गए थे, वह पूरी तरह से संपन्न नहीं हो रहे हैं। बिलिंग में गड़बड़ी और उपभोक्ताओं को मैसेज प्राप्त नहीं होने की समस्या सामने आ रही है। केंद्रीय मंत्रालय ने ऊर्जा विभाग को सुधार के निर्देश दिए हैं। यह समस्या बिजली उपभोक्ताओं को परेशान कर रही है।

प्रदेश में कुल लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर्स लगे हैं। और और लगभग 2.5 करोड़ स्मार्ट मीटर्स की प्रक्रिया जारी है। यह रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि स्मार्ट मीटरों की उपयोगिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। नई बिलिंग सॉफ़्टवेयर आने के बाद से स्मार्ट मीटर पिछले 6 महीनों से मैन्युअली कम कर रहे हैं।

इसके अलावा, सरकार की गाइडलाइन के अनुसार स्मार्ट मीटरों के परिसर में लगाए गए चेक मीटर और मुख्य मीटर का मिलान नहीं किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को नई ऐप से सही सेवा प्राप्त नहीं हो रही है और नेटवर्क में भी समस्या है। यह समस्या भारत सरकार को भी आपत्ति दिलाई जा रही है क्योंकि ऊर्जा मंत्रालय की रिपोर्ट में स्मार्ट मीटरों की उपयोगिता पर सवाल उठाए गए हैं।

इस समस्या के समाधान के लिए कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा। उन्होंने एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड, स्मार्ट मीटर निर्माता कंपनी व एलएनटी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वह इन कंपनियों को काली सूची में डालने की मांग कर रहे हैं।

--Advertisement--