राजधानी दिल्ली का चुनाव इस बार देश के साथ साथ बाहर के लोगों के लिए भी मुद्दा बना हुआ है. आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद से ही भारत के आंतरिक मामले में पड़ोसी देश पाकिस्तान की दिलचस्पी नजर आने लगी थी, अब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर दिल्ली चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया दी है.
हालांकि मैं इस पर जोर देना चाहूंगी कि पूरे चुनावी कैंपेन में बीजेपी ने वोट के लिए पाकिस्तान विरोध की अपनी पुरानी रणनीति का इस्तेमाल किया. लेकिन जाहिर है कि बीजेपी की रणनीति इस बार कारगर नहीं हुई.अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत के दौरे पर आ रहे हैं. ट्रंप के भारत दौरे के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा, कश्मीर पर ट्रंप ने कई बार मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया है.
वहीँ उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि ये प्रस्ताव हकीकत में बदलेंगे. हमें उम्मीद है कि ट्रंप भारत दौरे में भी कश्मीर मुद्दे को उठाएंगे.सऊदी अरब से वैध रूप से काम कर रहे तमाम पाकिस्तानियों के प्रत्यर्पण को लेकर भी आइशा से सवाल किया गया. एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि क्या इसकी वजह पाकिस्तान की मलेशिया के साथ बढ़ती करीबी को लेकर सऊदी की नाराजगी है?
बता दें कि इन सवालों को विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टाल गईं और कहा कि वह दूतावास से इस मामले पर बात करेंगी. इससे पहले, पाकिस्तान के विज्ञान एवं तकनीक मंत्री फवाद चौधरी ने दिल्ली चुनाव को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने दिल्ली चुनाव में बीजेपी की हार की खबर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेचारा कहा था.