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हम रोजगार विरोधी नहीं हैं, पर अपने हिस्से की रोटी हमेशा नहीं छोड़ सकते। हम अपने अधिकार के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे। यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने कही। वो साहिबगंज और पाकुड़ के अमड़ापाड़ा में झामुमो कैंडिडेट विजय हांसदा के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि कई प्रकार के उद्योग लग रहे हैं, लेकिन जो अधिकार आदिवासियों को मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है। अपना अधिकार लेने वालों को बीजेपी जेल में डाल देती है। आपके हेमंत बाबू ने भी आपका हक मोदी सरकार से मांगा था, हक देना तो दूर, इलेक्शन से ठीक पहले उन्हें बिना किसी कसूर के जेल में डाल दिया। बीजेपी ने इस डर से हेमंत बाबू को हवालात में डाल दिया, चूंकि उन्हें अंदाजा था कि अगर हेमंत सोरेन बाहर रहे तो उनका खाता भी नहीं खुलेगा। झारखंड में सिमट जाने का भय उन्हें घेरे हुए है।

कल्पना ने आगे कहा कि बीजेपी ने 2014 के इलेक्शन में देश के लोगों से वादा किया था कि सत्ता में आने पर दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देगी। मंहगाई खत्म करेगी वगैरह वगैरह  वादे किए गए लेकिन इन्हे पूरा नहीं किया गया। 

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