nuskha: गर्मी, बारिश और फिर धूप के बाद मानसून के दिनों में मौसम निरंतर बदलता रहता है और इस वजह से वायरल फ्लू के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं। बच्चे हों या बड़े, सर्दी-जुकाम, खांसी, गले में खराश बारिश के मौसम में काफी आम है। इन छोटी-मोटी समस्याओं के होने पर बार-बार दवा नहीं ली जा सकती और ज्यादा दवा लेने का ख्याल भी नहीं आता, ऐसे में दादी-नानी की बताई जड़ी-बूटियां काफी मदद करती हैं।
इन्हें पानी में डालकर भाप लें
गले में खराश, नाक बहने और खांसी होने पर पानी में तुलसी के पत्ते, लौंग, दालचीनी डालकर भाप लेनी चाहिए। इससे काफी जल्दी आराम मिलता है। दरअसल भाप लेने से बलगम पतला होता है और तुलसी, दालचीनी, लौंग आदि चीजें बैक्टीरिया को खत्म करती हैं, जबकि भाप की गर्माहट से नाक और गले में सूजन कम होती है।
इनका काढ़ा तैयार करें
बारिश के मौसम में नाक बहने, खांसी और हल्का बुखार जैसे लक्षण दिखने पर नस, अदरक और तुलसी के पत्तों का काढ़ा पीना अच्छा रहता है। इसमें थोड़ा नमक भी मिलाना चाहिए। इससे सर्दी-जुकाम से तो राहत मिलती ही है, साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
खांसी से राहत दिलाती है हल्दी
जुकाम दो-तीन दिन में ठीक हो जाता है, मगर एक बार खांसी शुरू हो जाए तो कम से कम एक हफ्ते तक परेशान कर सकती है। इसे दूर करने के लिए रोजाना रात को सोने से पहले भुनी हुई हल्दी को गुनगुने पानी के साथ लेना फायदेमंद होता है।
हल्दी भी है फायदेमंद
अगर आपको बहुत खांसी आती है या गले में खराश है तो लौंग को दांत के नीचे दबाकर हल्का-हल्का चबाएं। गर्म पानी में लौंग का तेल डालकर भाप लेने से भी फायदा होता है। खांसी होने पर 6-7 लौंग लें और ध्यान से उनके फूल निकाल लें और इन फूलों को एक पैन में बहुत धीमी आंच पर भून लें। सोने से पहले इसका सेवन करने से आपको दो-तीन दिन में काफी फायदा मिलेगा।
देसी दवाइयां न केवल फ्लू, खांसी, गले में खराश जैसी समस्याओं के लिए त्वरित राहत प्रदान करती हैं, बल्कि ये दवाएं वयस्कों और बच्चों के लिए भी प्रभावी हैं और इनके साइड इफेक्ट की संभावना भी बहुत कम है।
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