बीते कई महीनों से पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और तेल, आटा, दाल और चिकन के दाम आसमान छू चुके हैं। एक तरफ देश का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो रहा है। वहीं IMF ने अभी तक कर्ज नहीं दिया है। अब सेना को पाकिस्तान का यह संकट नजर आ गया है। यह बात सामने आई है कि सेना को जमीन पर परेड के लिए भी पैसा नहीं मिल रहा है।
पाकिस्तानी फौज ने हर साल 23 मार्च को होने वाले पाकिस्तान 'डे' परेड को 'सीमित' करने का निर्णय़ लिया है। सेना यह कदम मौजूदा आर्थिक संकट की पृष्ठभूमि में उठाएगी। पाकिस्तान दिवस 23 मार्च को 1940 के लाहौर संकल्प के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस वक्त पाकिस्तानी फौज अपने हथियारों और ताकत का प्रदर्शन करती है। मगर इस साल की आर्थिक तंगी का असर इस परेड पर भी देखने को मिलेगा। शाहबाज सरकार पहले ही सेना से खर्च में कटौती करने को कह चुकी है।
आर्थिक तंगी के चलते इस बार परेड का आयोजन शकरपेरियन परेड ग्राउंड के बजाय प्रेसिडेंट भवन में किया जाएगा। यह निर्णय पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ द्वारा घोषित 'कॉस्ट-कटिंग' ड्राइव के हिस्से के रूप में लिया गया है। पाकिस्तान पर फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का रक्षा खर्च कम करने का दबाव है।
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