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पहाड़ों की मूसलाधार बारिश ने मैदानी इलाकों को ऐसा डुबाया कि हर तरफ बर्बादी ही बर्बादी का आलम देखने को मिल रहा है। बारिश और बाढ़ ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। यमुना के साथ लगते गांव में किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। जहां एक तरफ यमुना के बढ़ते जलस्तर ने किसानों की हजारों एकड़ फसल जलमग्न कर दी तो वहीं यमुना के साथ लगते खेतों में भी मिट्टी कटाव के चलते किसानों की हजारों एकड़ फसल बहकर यमुना के साथ चली गई। जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि हरियाणा सरकार ने यमुना में रेत खनन के लिए टेंडर छोड़ रखे हैं, लेकिन इन्हीं टेंडरों की आड़ में अवैध खनन माफिया भी एक्टिव नजर आते हैं और यमुना से अवैध खनन कर रेत की चोरी करते हैं। जिसके चलते हरियाणा सरकार को करोड़ों रुपये का चूना तो लगता ही है साथ ही किसानों को भी बरसात के समय भारी परेशानी उठानी पड़ती है और किसानों के फसल कटाव के चलते यमुना में बहकर चली जाती है। ऐसा ही सोनीपत के गांव सौंधी व मुकीमपुर के किसानों के फसल के साथ हो रहा है।

किसानों की फसल आज पानी के तेज बहाव के साथ कटकर यमुना में बह रही है या फिर एक खेत से दूसरे खेत में समा रहे हैं। हालांकि किसानों ने इसकी शिकायत कई बार जिला प्रसाशन के अधिकारियों को भी दी थी लेकिन आला अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। तो वहीं आपदा के साथ अब किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है कि वो अपने फसल को बचाए तो बचाए कैसे। 

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