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'जो पैसे नहीं देगा, उसे ब्लू टिक नहीं मिलेगा।' एलन मस्क अपने बयान पर कायम हैं और अब एक के बाद एक मशहूर हस्तियों, मीडिया संगठनों, नेताओं के ट्विटर अकाउंट के आगे ब्लू टिक गायब होता जा रहा है। जिन लोगों के पास अभी भी टिक है, वे भी अब स्वागत योग्य नहीं हैं। अप्रैल के अंत तक टिक हटाने का काम पूरा होना है और अभी भी ज्यादातर 'टिकर' पेमेंट नहीं करने पर अड़े हुए हैं। ऐसा क्यों हुआ? ब्लू टिक के महत्व को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि इसे क्यों शुरू किया गया।

जैसा कि हुआ था, एक अमेरिकी बेसबॉल खिलाड़ी एंथनी (टोनी) रसा के नाम से एक फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाया गया था। उस खाते का इस्तेमाल 2009 में कुछ पूर्व बेसबॉल खिलाड़ियों की मौत के बारे में मजाक करने के लिए किया गया था। टोनी ने ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दायर किया। बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया, लेकिन यह उनके खाते के सामने एक ब्लू टिक लगाने लगा, जिससे यह संकेत मिलता था कि यह किसी प्रसिद्ध, लोकप्रिय व्यक्ति या महत्वपूर्ण संगठन, कंपनियों का वास्तविक खाता है। टिक के पीछे मूल मकसद विश्वसनीयता स्थापित करना था। बेशक इस टिक को देने के लिए फॉलोअर्स और लोकप्रियता जैसे कुछ मापदंड तय किए गए थे।

ब्लू टिक पर आपत्ति?

ब्लू टिक मानदंड में कोई स्पष्टता नहीं है। लोगों का एक तबका था जिसने शिकायत की थी कि ट्विटर एक खास विचारधारा की वकालत करता है और जो उस विचारधारा के खिलाफ हैं उन्हें ब्लू टिक नहीं दिया जाता है, उनके ट्वीट पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है, खातों को छोटे-बड़े कारणों से ब्लॉक कर दिया जाता है।

एलन मस्क के अनुसार ब्लू टिक वर्ग भेद का प्रतीक था। उनके मुताबिक फीस लेकर वे इस भेद को खत्म कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, "आपको वह मिलता है जिसके लिए आप भुगतान करते हैं।" इस वर्ग विभाजन को खत्म करने के लिए उन्होंने जो पेड टिकर सब्सक्रिप्शन लॉन्च किया, उसका नाम 'ट्विटर ब्लू' है।

भुगतान का विरोध क्यों?

शुल्क लागू होने से पहले जिन खातों को ब्लू टिक मिला है, उन्हें 'सत्यापित खाते' कहा जाता है। ऐसे खातों वाले करोड़पतियों की संख्या बहुत बड़ी है। इसके अलावा, ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन इतना महंगा नहीं है कि सेलिब्रिटी और बड़े संगठन इसे वहन न कर सकें। फिर भी कई ने भुगतान करने से इनकार कर दिया है। कई पुराने खाताधारक अब अपना ब्लू टिक नहीं चाहते हैं। यदि ब्लू टिक बना रहता है, तो यह गलत धारणा फैल सकती है कि हम उनकी नीतियों का समर्थन करते हैं। इसलिए हमें अब टिक नहीं चाहिए, ट्वीट किए जा रहे हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि अब ट्विटर पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है। कईयों को डर है कि कोई हमारे नाम से अकाउंट खोलेगा, टिक खरीदेगा और मनमाना ट्वीट करेगा, जिससे हमारी बदनामी होगी।

 

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