नई दिल्ली, 31 जुलाई। इस्लामाबाद हाई-कोर्ट पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को वकील मुहैया कराने की सुनवाई 4 अगस्त को करेगा। पाकिस्तान के कानून मंत्रालय ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी आईसीजे के फैसले के तहत जाधव को अपने बचाव के लिए कोर्ट से वकील नियुक्त करने की अपील की है।
पाकिस्तान मीडिया के अनुसार इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह और जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब की अगुवाई वाली बेंच करेगी। यह सुनवाई दिन में डेढ़ बजे होगी। पाकिस्तान ने कोर्ट में दाखिल मसौदे में कहा है कि कुलभूषण जाधव 3, मार्च 2016 को अवैध तरीके से पाकिस्तान में घुसा, जहां उसे बलूचिस्तान के मशकेल से गिरफ्तार किया गया। बकौल पाकिस्तान जाधव ने कबूल किया कि वह भारतीय जासूस संगठन राॅ से जुड़ा हुआ है और उसका मकसद सिंध और बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी कार्रवाइयाँ कराना था। इसी आरोप को आधार बनाकर पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को मौत की सजा सुना दी थी।
बाद में भारत ने इसे कुलभूषण जाधव का अपहरण कर पाकिस्तान में झूठे मुक़दमे चलाकर फांसी की सजा देने को आईसीजे में चुनौती दी, जिसके आधार पर आईसीजे ने ना सिर्फ फांसी की सजा पर रोक लगाई, बल्कि पाकिस्तान को यह निर्देश भी दिया कि जाधव को पाकिस्तान फिर से सुनवाई का अवसर दे और उसे अपने बेगुनाह होने का सबूत पेश करने दे। इसी निर्देश के आलोक में पाकिस्तान ने अभी पिछले दिनों ही आईसीजे अध्यादेश 2020 पास किया, जिसके बाद जाधव को कानूनी विकल्प देने के लिए कोर्ट से वकील मुहैया कराने की पाकिस्तान ने अपील की है।
आईसीजे अध्यादेश 2020 के अनुच्छेद 2 के तहत हाईकोर्ट को यह अधिकार प्राप्त है कि आईसीजे के निर्णय के अनुसार किसी विदेशी नागरिक को कानूनी विकल्प का अवसर दे सकता है। यह प्रावधान वियना कनवेंशन की धारा 36 के तहत भी आवश्यक है। पाकिस्तान के कानून मंत्रालय ने कोर्ट को कहा है कि जाधव ने अपने लिए कोई वकील नियुक्त करने से मना किया है और बिना भारतीय दूतावास के सहयोग के उसे ऐसा करने का कोई विकल्प भी नहीं है, क्योंकि उसके पास कोई ऐसा माध्यम नहीं है जिसके जरिए वह जेल में रहते हुए कानूनी विकल्प का सहारा ले सके। पाकिस्तान का दावा है कि भारत ने भी कुलभूषण मामले में कोई रिव्यू पिटिशन डालने से मना कर दिया है।
भारत का अब भी मानना है कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले में दुनिया की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहा है। अभी तक उसने बिना डर-भय या निगरानी के कुलभूषण जाधव को काउंसिलर एक्ससेस ही नहीं प्रदान किया है। भारत ने यह भी मांग की है कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के केस में पाकिस्तान से बाहर के वकील को पेश होने की इजाज़त दे, लेकिन पाकिस्तान ने इससे स्पष्ट इंकार कर दिया है।
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