नई दिल्ली ।। पूरे विश्व में CORONA संक्रमण की वजह से हर जगह बंदी है। लॉकडाउन के कारण पेट्रोल-डीजल की डिमांड काफी घट गई है। दूसरी तरफ सऊदी अरब और रूस के बीच बाजार पर अधिग्रहण को लेकर प्राइस वार जारी है और दोनों देश उत्पादन घटाने का नाम नहीं ले रहे हैं।
घटते डिमांड और बढ़ती सप्लाई के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि विश्व में तेल रखने की जगह नहीं है। कच्चा तेल पहले ही 17 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है। यदि यही हालात बने रहे तो आने वाले कुछ महीने में यह कौड़ी के भाव मिलेगा।
वर्तमान परिस्थिति को गहराई से समझने की कोशिश करते हैं। पूरे यूरोप, एशिया, अमेरिका समेत कई देशों में लॉकडाउन जारी है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट, ट्रेन और विमान का संचालन बन्द है। लोग अपने घरों में आइसोलेटेड हैं। ये हालात पिछले तीन-चार सप्ताह या उससे भी अधिक से है। पेट्रोल-डीजल की मांग में गिरावट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिंदुस्तान में आम दिनों के मुकाबले इसकी मांग 10-20 प्रतिशत तक रह गई है।
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