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Up Kiran, Digital Desk: दुर्घटनाग्रस्त विमान का पायलट अनुभवी था, मगर उसके पास आपातकालीन लैंडिंग करने का समय नहीं था। मुंबई में जेटफ्लीट एविएशन के संस्थापक और एविएशन विशेषज्ञ शनिल देसाई ने मीडिया को बताया कि अगर ये घटना कुछ हजार फीट की ऊंचाई पर हुई होती, तो पायलट के पास कई विकल्प होते। उन्होंने कहा कि उड़ान से पहले हमेशा ‘अराइवल टेस्ट’ किया जाता है। ये विमान सुबह दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचा था। इसलिए ये टेस्टिंग हुई होगी। हालांकि, टेकऑफ के तुरंत बाद ही कोई तकनीकी खराबी आ गई होगी।

पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल को 8,200 घंटे की उड़ान का अनुभव था। उन्होंने उड़ान भरने के ठीक एक मिनट बाद यानी 1:39 बजे ‘मेडे’ कॉल किया, मगर विमान का एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से संपर्क टूट गया। ऐसी स्थिति में विमान को बचाने के लिए सभरवाल कुछ खास नहीं कर सकते थे।

विमान का लैंडिंग गियर वापस नहीं लिया गया

सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि उड़ान भरने के 5 मिनट बाद भी विमान का लैंडिंग गियर वापस नहीं लिया गया। एविएशन एक्सपर्ट शैनिल देसाई के अनुसार, ये गियर आमतौर पर उड़ान भरने के 10-15 सेकंड के भीतर वापस ले लिए जाते हैं। हालांकि, गियर बाहर रहना एक गंभीर तकनीकी समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि पूरी घटना DGCA (नागरिक विमानन महानिदेशालय) और AAI (भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण) द्वारा गहन जांच का विषय है।

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