पीएम मोदी डिटेंशन सेंटर को नकार रहे, लेकिन देश में ही तैयार हो रहा सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर….

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प्रधानमंत्री रामलीला मैदान में अपनी रैली के माध्यम से कहा था कि देश में कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं बन रहा है और ये कांग्रेस द्वारा एक अफवाह फैलाया जा रहा है. लेकिन हकीकत इसके बिलकुल उल्ट है. आपको बता दें कि असम में देश का सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर तैयार किया जा रहा है. असम के गोवालपारा जिले में बनाए जा रहे डिटेंशन कैंप में घुसपैठियों को कैद किया जाएगा. बता दें कि असम में नेशनल सिटिजन रजिस्टर (एनआरसी) तैयार कर लिया गया है.


आपको बता दें कि नेशनल सिटिजन रजिस्टर में जिन लोगों के नाम नहीं आए हैं और अगर उन्हें फॉरेन ट्रिब्यूनल से भी राहत नहीं मिलता है तो उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा. अगर कोई व्यक्ति देश में अवैध प्रवेश की कोशिश करता पकड़ा जाता है तो उसे भी डिटेंशन सेंटर में रखा जा सकता है.

वहीं असम के गोवालपारा में डिटेंशन सेंटर में काफी मजदूर लगातार काम कर रहे हैं. यहां चार-चार मंजिल की 15 इमारतें बनाई जा रही हैं.इस डिटेंशन सेंटर का 65 फीसदी हिस्सा पूरा हो चुका है. इसे बनाने में 46 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इस सेंटर में कुल 3 हजार घुसपैठियों को रखने की व्यवस्था होगी.

गौरतलब है कि गोवालपारा के डिटेंशन सेंटर का निर्माण दिसंबर 2018 में शुरू हुआ था. निर्माण कार्य निर्धारित समयसीमा से कुछ पीछे चल रहा है. इस डिटेंशन सेंटर में 13 इमारतें पुरुषों के लिए होंगी जबकि 2 महिलाओं के लिए. बता दें कि फिलहाल असम के छह जिला जेलों में ही डिटेंशन सेंटर चल रहे हैं. ये जेल डिब्रूगढ़, सिलचर, तेज़पुर, जोरहाट, कोकराझार और गोवालापारा में स्थित हैं. इनमें करीब 800 लोग रह रहे हैं.

बता दें कि डिटेंशन सेंटर की पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों पर अमल में लाई गई. इसके तहत भारतीय जमीन पर विदेशियों के तौर पर पहचाने गए लोगों को सारी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की व्यवस्था की गई है.

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