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Up Kiran, Digital Desk: देश की बागडोर संभालने वाले नेताओं का शेड्यूल हमेशा व्यस्त रहता है, लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) अपने गृह राज्य गुजरात (Gujarat Visit) में होते हैं, तो हर कदम पर विकास की छाप दिखती है. इस बार भी उनका गुजरात दौरा केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि विकास परियोजनाओं और सामाजिक उत्थान के बड़े संकल्पों को दर्शा रहा था. उन्होंने न सिर्फ भारत के महत्वाकांक्षी 'बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट' (Bullet Train Progress) की प्रगति की समीक्षा की, बल्कि आदिवासी समुदायों (Tribal Development Push) के उत्थान के लिए एक बड़ी मुहिम की शुरुआत भी की है, जो 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के सिद्धांत को जमीन पर उतार रही है.

बुलेट ट्रेन: सपनों से हकीकत तक का सफर

अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट यानी हमारी 'बुलेट ट्रेन' सिर्फ एक परिवहन परियोजना नहीं है, यह भारत के आधुनिकीकरण और वैश्विक आकांक्षाओं का प्रतीक है. पीएम मोदी ने गुजरात दौरे पर इस प्रोजेक्ट की प्रगति का बारीकी से जायज़ा लिया.

  1. तेजी से चल रहा काम: समीक्षा बैठक में उन्होंने परियोजना से जुड़े अधिकारियों और इंजीनियरों से सीधी बात की और यह सुनिश्चित किया कि काम निर्धारित समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा हो. उनकी निगरानी का ही नतीजा है कि यह प्रोजेक्ट अब तेजी से आगे बढ़ रहा है.
  2. आर्थिक विकास का इंजन: यह बुलेट ट्रेन सिर्फ यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह नहीं पहुंचाएगी, बल्कि यह जिस-जिस क्षेत्र से गुजरेगी, वहां आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, नए व्यापारिक अवसर पैदा करेगी और रोजगार के अनगिनत मौके बनाएगी. यह एक बड़ा इकोनॉमिक कॉरिडोर है.

आदिवासी विकास: एक नई शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा से ही देश के हाशिये पर रहने वाले समुदायों, खासकर आदिवासियों के उत्थान पर विशेष ज़ोर दिया है. गुजरात में उन्होंने आदिवासियों के लिए एक बड़ी विकास पहल की शुरुआत करके यह साबित किया है कि उनकी सरकार हर वर्ग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

  1. जीवन स्तर सुधारना: इस नई पहल के तहत, आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं (basic amenities) जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ पानी, पक्के मकान और सड़क कनेक्टिविटी को मज़बूत किया जाएगा.
  2. आजीविका और कौशल विकास: आदिवासी युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास (skill development) कार्यक्रमों और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने में मदद मिलेगी.
  3. सांस्कृतिक संरक्षण: सरकार आदिवासी समुदायों की समृद्ध संस्कृति, भाषा और परंपराओं को संरक्षित रखने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, क्योंकि उनका कहना है कि उनकी पहचान ही देश का गौरव है.

यह दौरा न सिर्फ विकास की गति को तेज करने, बल्कि सामाजिक समरसता और समानता को बढ़ावा देने का भी एक बड़ा संदेश दे रहा है. पीएम मोदी का गुजरात दौरा दिखाता है कि कैसे नेतृत्व एक साथ कई मोर्चों पर काम करके देश की प्रगति और हर वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित हो सकता है.