पोंगल (Pongal 2022) तमिलनाडु का प्रमुख त्योहार है जो चार दिनों तक मनाया जाता है। इस राज्य के लोग इस त्यौहार को नए साल के रूप में मनाते हैं। यह पर्व तमिल महीने ‘तइ’ की पहली तारीख से आरंभ होता है। पोंगल के पर्व में इंद्र देव और सूर्य की विधि विधान से पूजा की जाती है। पोंगल का पर्व संपन्नता को समर्पित होता है। पोंगल के दिन सुख समृद्धि के लिए वर्षा, धूप और कृषि से जुडी चीजों की विधि विधान से पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इस पर्व का महत्व और शुभ मुहूर्त।
तमिलनाडु में चार दिन तक मनाये जाने वाले इस त्यौहार की शुरुआत 14 जनवरी से हो रही है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस पर्व पर पूजा के लिए १४ जनवरी को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट का शुभ मुहूर्त है।
पोंगल के पर्व पर मुख्य रूप से सूर्य देवता की पूजा की जाती है। सूर्यदेवता को जो प्रसाद अर्पित किया जाता है, उसे पगल कहते हैं। पोंगल (Pongal 2022) त्यौहार के पहले दिन लोग प्रातः उठकर स्नानादि करके नए कपड़े पहनते हैं। इसके बाद नए बर्तन में दूध, चावल, काजू, गुड़ आदि चीजें डाल एक पोंगल नाम का भोजन बनाया जाता है।
इस दिन गायों और बैलों की भी पूजा करने का नियम है। किसान इस दिन अपनी बैलों को स्नान कराकर उन्हें सजाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इस दिन घर में मौजूद खराब वस्तुओं को जलाया जाता है और नई वस्तुओं को घर लाया जाता है।
पोंगल (Pongal 2022) का पर्व तमिलनाडु में पूरे उत्साह औ के सतह मनाया जाता है। 4 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के पहले दिन को ‘भोगी पोंगल’, दूसरे दिन को ‘सूर्य पोंगल’, तीसरे दिन को ‘मट्टू पोंगल’ और चौथे दिन को ‘कन्नम पोंगल’ के नाम से जाना जाता है । पोंगल पर्व के चार दिनों में हर दिन अलग-अलग परंपराओं और रीति रिवाजों का पालन किया जाता है।