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Up kiran,Digital Desk : यह रहा आपके लिए एक नेचुरल और भावनाओं से भरा आर्टिकल। इसे पढ़ते हुए आपको बिल्कुल वैसा ही लगेगा जैसे आप पूजा बेदी के संघर्ष और हिम्मत की दास्तां किसी दोस्त से सुन रहे हों

90 के दशक की शुरुआत में एक एक्ट्रेस आई थी, जिसने अपनी अदाओं से रातों-रात सबको दीवाना बना दिया था। फिल्म थी 'जो जीता वही सिकंदर' और वो चेहरा था पूजा बेदी (Pooja Bedi) का। ऐसा लगा था कि वो बॉलीवुड पर राज करेंगी, लेकिन फिर अचानक वो गायब हो गईं। करियर के पीक पर उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी। आखिर क्यों? सालों बाद अब पूजा बेदी ने उस फैसले और अपनी निजी जिंदगी के सबसे गहरे जख्मों पर खुलकर बात की है।

ससुराल वालों की सोच और पूजा का त्याग

हाल ही में एक इंटरव्यू में पूजा ने बताया कि एक्टिंग छोड़ने का फैसला उनका शौक नहीं, मजबूरी थी। दरअसल, पूजा को फरहान फर्नीचरवाला से प्यार हो गया था। फरहान एक बेहद रूढ़िवादी (Conservative) मुस्लिम परिवार से आते थे।

पूजा बताती हैं, "मैं इस रिश्ते को अपना 100% देना चाहती थी। लेकिन फरहान का परिवार इस शादी के खिलाफ था। उनकी साफ़ सोच थी कि फिल्मों में काम करने वाली कोई 'सेक्सी एक्ट्रेस' उनके घर की बहू नहीं बन सकती। बहुत झगड़े और बहस हुई। मुझे लगा कि मैं अपनी जिद के लिए परिवार में क्लेश क्यों पैदा करूं? इसलिए मैंने अपने करियर की कुर्बानी दी और एक्टिंग छोड़ने का फैसला किया।"

फिर आया वो दौर, जब भगवान से मांगनी पड़ी रहम

प्यार की खातिर करियर छोड़ा, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 9 साल की शादी और दो बच्चों (अलाया और ओमर) के बाद 2003 में यह रिश्ता टूट गया। तलाक पूजा के लिए सिर्फ एक बुरी खबर नहीं थी, बल्कि यह उस तूफान का हिस्सा था जिसने उनकी पूरी दुनिया उजाड़ दी थी।

जरा सोचिए उस 32 साल की महिला के बारे में—
"मैं सिर्फ 27 साल की थी जब त्रासदियों का सिलसिला शुरू हुआ। मेरी दादी कैंसर से चल बसीं, मेरे पालतू कुत्ते की मौत हो गई और फिर वो आया जिसने मुझे पाल-पोसकर बड़ा किया था। दुखों का पहाड़ तब टूटा जब एक भूस्खलन में मेरी मां (प्रोतिमा बेदी) की मौत हो गई और डिप्रेशन में आकर मेरे भाई ने आत्महत्या कर ली। उसी दौरान मेरी शादी टूट रही थी। मैं 32 साल की थी, तलाकशुदा, बिना किसी एलिमनी (गुजारा भत्ता) के और दो छोटे बच्चे मेरी जिम्मेदारी थे।"

पूजा बताती हैं कि वह दौर इतना खौफनाक था कि हर छह महीने में उनका कोई अपना दुनिया छोड़ रहा था। उन्होंने हारकर भगवान से पूछा भी था, "क्या आप मेरे लिए थोड़े रहम दिल नहीं हो सकते?"

राख से फिर उठी फीनिक्स की तरह

कहते हैं न कि जब आपके पास खोने को कुछ नहीं बचता, तो आप जीतने के लिए तैयार होते हैं। पूजा ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने तय किया कि वह अपने हिस्से के पैसे या पति के बिजनेस के लिए नहीं लड़ेंगी, क्योंकि वह शांति चाहती थीं। उन्होंने एक नई शुरुआत की। कॉलम लिखना शुरू किया, टीवी शोज किए और अपनी मेहनत के दम पर एक साल के अंदर ही अपने पैसों से मर्सिडीज खरीदी।

"छोड़ना आना चाहिए..."

पूजा ने अपने तलाक पर एक बहुत पते की बात कही, जो आज के दौर में सबके लिए एक सबक है। उन्होंने कहा, "सिर्फ इसलिए कि आप किसी इंसान के साथ 10 या 12 साल खुश रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि रिश्ता ख़राब होने पर आप अगले 50 साल उसके साथ घुट-घुट कर बिताएं। अगर चीजें ठीक नहीं हैं, तो आपको आगे बढ़ना और छोड़ना आना चाहिए।"

आज पूजा बेदी एक खुशहाल जिंदगी जी रही हैं और उनकी बेटी अलाया एफ (Alaya F) बॉलीवुड में अपनी पहचान बना रही हैं। पूजा की कहानी साबित करती है कि जिंदगी चाहे कितना भी तोड़े, इंसान चाहे तो फिर से खड़ा हो सकता है।