यूपी में AAP की तैयारी : पंचायत चुनाव तो बहाना, निगाहें Assembly elections पर

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lucknow। उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की सरगर्मियां चरम पर है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मददेमजर सियासी पार्टियां भी ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय हो गई हैं। आम आदमी पार्टी ने तो पंचायत चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले ही AAP समर्थित जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। दरअसल AAP पंचायत चुनावों के बहाने विधानसभा चुनाव में जीत का रोडमैप तैयार कर रही है।

राजधानी में मीडिया से मुखातिब AAP के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बताया कि पार्टी ने 400 जिला पंचायत पद के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूचि में कई मौजूदा जिला पंचायत सदस्य, प्रधान और सांसद-विधायकी का चुनाव लड़ने वाले नेता भी शामिल है।

सांसद संजय सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव हम दिल्ली के केजरीवाल मॉडल के साथ किसानों, नौजवानों और मुफ्त शिक्षा, सड़क, पानी और बिजली के मुद्दे पर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम जिला पंचायत के 3000 क्षेत्रों में 3000 प्रचार वाहनों के जरिये यूपी के हर एक गांव और घर तक केजरीवाल मॉडल का प्रचार-प्रसार करेंगे और फिर घर-घर जाकर वोट मांगेगे।

AAP सांसद ने कहा कि ये पंचायत चुनाव पार्टी के लिये अहम हैं। इस पंचायत चुनाव के जरिए ही AAP अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत का रोडमैप तैयार करेंगे। इस चुनाव से आप नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढेगा। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में बेहतर प्रदेशन करने वाले प्रत्याशियों को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया जायेगा।

यूपी में AAP की सक्रियता से सबसे ज्यादा नुकसान सत्तारूढ़ भाजपा और सूबे में फिर से उभरने का प्रयास कर रही कांग्रेस को होने की संभावना है। सूबे की सियासत पर नजर रखने वाले कई विश्लेषकों का कहना है कि AAP की मजबूती से सपा और बसपा हांसिये पर जा सकती हैं। हालांकि यूपी की ऊबड़-खाबड़ सियासी जमीन को उर्बर बनाने के लिए AAP को बहुत पसीने बहाने होंगे।

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