नई दिल्ली, 23 मार्च। कांग्रेस में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समर्थक नेताओं का गुट एक बार फिर कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। उनके नजदीकी लोगों को एक-एक कर ठिकाने लगाया जा रहा है। राहुल विरोधी नेता अचानक संगठन में सक्रिय हो गए हैं और विद्रोही रुख छोड़कर संकेत दे रहे हैं कि वे अब भी संगठन के साथ हैं।
‘जी 23’ समूह के नेता गुलाम नबीं आजाद ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की। इसके बाद असंतुष्ट गुट के आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और कुछ अन्य नेताओं की भी सोनिया गांधी के साथ बैठकें हुईं। इन नेताओं ने सोनिया गांधी के साथ पार्टी की आंतरिक अहमतियों को दूर करने पर चर्चा की। इन नेताओं ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी माने जाने वाले कुछ नेताओं को उनके पदों से हटाने की मांग की है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार ‘जी 23’ समूह चाहता है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी माने जाने वाले कुछ नेताओं की उनके पदों से छुट्टी की जाए। इनमें सबसे प्रमुख नाम संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और महासचिव अजय माकन का है। सूत्रों का कहना है कि असंतुष्ट धड़े को मनाने के लिए इन नेताओं में से एक या दो को उनकी मौजूदा जिम्मेदारी से हटाया जा सकता है।
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा, लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पार्टी में राहुल (Rahul Gandhi) का प्रभाव कम करने के लिए व्यापक जनमत तैयार करने में जुट गए हैं। आजाद ने भी इस सिलसिले में समूह के कुछ अन्य सदस्यों से मुलाकात की है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व ‘जी 23’ का पक्ष सुन मतभेदों को दूर कर और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए समाधान निकालना चाहता है। ‘जी 23’ समूह के प्रमुख सदस्य आजाद ने बीते शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress president Sonia Gandhi) से मुलाकात की थी और कहा था कि फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन कोई मुद्दा नहीं है और उन्होंने सिर्फ संगठन को मजबूत बनाने, आगे के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर ही सुझाव दिए हैं।
आजाद का यह बयान इस मायने में अहम था कि इससे कुछ दिनों पहले ही ‘जी 23’ के उनके साथी कपिल सिब्बल ने एक साक्षात्कार में खुलकर कहा था कि गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका देना चाहिए। ‘जी 23’ समूह सांगठनिक बदलाव और सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस तरह की और बैठकें हो सकती हैं।