बच्चों और गर्भवती को सुपोषित करने के लिए सही मानीटरिंग जरूरी : रोमा सिंह

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कप्तानगंज ( कुशीनगर)। कप्तानगंज ब्लाॅक सभागार में आयोजित आंगनबाड़ी, आशा व स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण में बताया गया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों से जुड़े लाभार्थियों को सुपोषित करने के लिए सही मानीटरिंग जरूरी है।

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बाल विकास परियोजना अधिकारी रोमा सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत 0-5 वर्ष के बच्चों और गर्भवती को सुपोषित करने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि लाभार्थियों का सही तरीके से मानीटरिंग हो। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सभी बच्चों का समय- समय पर आयु के आधार पर लंबाई और वजन लें। जांच में जो बच्चे कुपोषित और अति कुपोषित के श्रेणी में चिन्हित हों उनके स्वास्थ्य प्रबंधन कराए जाने के लिए क्षेत्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, राष्ट्रीय बाल किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम और एएनएम से स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।

इसके बाद जो बच्चे सैम और मैम की श्रेणी में चिन्हित हों तो उन्हें बेहतर इलाज और देखभाल के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराएं। गर्भवती के लिए भी गोदभराई कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें सही पोषण की जानकारी उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रेकर पर लाभार्थियों का विवरण फीड करें ताकि एक क्लिक में केन्द्र पर पंजीकृत लाभार्थियों, कुपोषित, अति कुपोषित बच्चों व गर्भवती का विवरण देखा जा सके।

राशन वितरण कार्यक्रम में पारदर्शिता बनी रहे- रोमा सिंह

उन्होंने कहा कि सूखा राशन वितरण कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। ऐसे में समूह की महिलाओं को भी बताया गया कि किस लाभार्थी को कौन सामग्री कितनी मात्रा में वितरित करनी है। ताकि राशन वितरण कार्यक्रम में पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों की कनवर्जेंस के माध्यम से कुपोषण दूर करना है। इसके लिए पोषण ट्रेकर के माध्यम से लाभार्थियों की ट्रेकिंग की जाए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में ममता, रजिया, आशा देवी, स्वयं सहायता समूह की सुनीता, रीता, रंजिता व एएनएम प्रतिमा व सुधा प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।

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