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कांग्रेस सरकार में जोधपुर के ओसिया से विधायक रही दिव्या मदेरणा अब संकेत मिल रहे हैं कि वो भी कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोलने के लिए तैयार हो चुकी है। दरअसल लोकसभा इलेक्शन में दिव्या मदेरणा का नाम टिकट को लेकर आगे चल रहा था। माना जा रहा था कि पाली से कहीं ना कहीं दिव्या मदेरणा के नाम पर मुहर लग सकती है। मगर पाली से संगीता बेनीवाल के नाम पर मुहर लगी। संगीता बेनीवाल भी जोधपुर से आती है। 

राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी है। मगर टिकट को लेकर जिस तरह मंथन किया जा रहा था, मंथन के माध्यम से माना जा रहा था कि मदेरणा परिवार से दिव्या मदेरणा को टिकट मिल सकता है। दरअसल मदेरणा परिवार की कहानी बताएं तो मदेरणा परिवार राजनीति का चाणक्य माना जाता है। इससे पहले मनमुटाव की स्थिति भी मदेरणा परिवार में देखने को मिली थी। अशोक गहलोत वर्सेज मदेरणा परिवार यह विवाद शुरू हो चुका था। 

परसराम मदेरणा जो है मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में थे। मगर विवाद इतना गहरा है कि अशोक गहलोत वर्सेज मदेरणा परिवार सामने हो गया। ओसियां से जब टिकट मिला दिव्या मदेरणा को। उस वक्त यूं कह सकते हैं कि अशोक गहलोत उनके प्रचार के लिए पहुंचे। मगर बद्रीराम जाखड़ जब मंच पर थे तो कहीं ना कहीं दिव्या मदेरणा मंच पर नहीं दिखी। उसके बाद आंकलन लगाया गया कि कहीं ना कहीं विवाद शुरू हो चुका है।

अब चर्चा यह चल रही है कि लोकसभा इलेक्शन में दिव्या मदेरणा टिकट की दावेदारी में थी, मगर टिकट नहीं मिला तो उसके बाद विरोध शुरू हो गया। पार्टी छोड़ने को लेकर भी चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है कि दिव्या मदेरणा कांग्रेस पार्टी छोड़ सकती है। हालांकि उनकी ओर से अभी तक किसी तरह का बयान निकलकर सामने नहीं आया है।

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