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प्रतापगढ़। सरकारी संस्थाओं को कर्मचारियों और सुरक्षा गार्ड सप्लाई करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसियां मनमानी कर रही हैं। ये एजेंसियां सुरक्षा गार्डों का हर तरह से शोषण कर रही हैं। ऐसी ही एक आउटसोर्सिंग एजेंसी की करतूत प्रतापगढ़ जनपद में सामने आई है। अल्बाट्रास सिक्योरिटी सर्विस नाम की ये आउटसोर्सिंग एजेंसी भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम पर लगाए जाने वाले सुरक्षा गार्ड सप्लाई करती थी।  

भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम पर लगाए जाने वाले सुरक्षा गार्ड सप्लाई करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी भारतीय स्टेट बैंक से तो 19 हजार रुपए और उससे अधिक की धनराशि प्रति गार्ड के हिसाब से लेती थी, लेकिन वास्तव में जो सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी देते थे उनसे 8 घंटे से अधिक और बिना साप्ताहिक अवकाश के काम लिया जाता था।

अल्बाट्रास सिक्योरिटी सर्विस नाम की करतूतों का पता श्रमिक नेता हेमंत नंदन ओझा के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस सन्दर्भ में लिखा पड़ी की और जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल एटक की ओर से इसके खिलाफ संघर्ष आरंभ हुआ। इस तरह हेमंत नंदन ओझा के प्रयास से अल्बाट्रास सिक्योरिटी सर्विस ब्लैक लिस्ट कर दी गई। इसका काम न केवल सिक्योरिटी सर्विस देना रहा है बल्कि यह बैंकों को वैन सर्विस भी देती थी।

ब्लैक लिस्ट होने पर अल्बाट्रास सिक्योरिटी सर्विस सिक्योरिटी गार्ड के चार माह से अधिक का वेतन लेकर चली गई। यही नहीं इसने मानक के अनुरूप ईपीएफ भी नहीं जमा किया। जो वेतन देती थी उससे भी कम वेतन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में दिखाया जाता था। इस तरह यह आउटसोर्सिंग एजेंसी स्टेट बैंक और कर्मचारी दोनों के अंशदान पर डाका डाला रही थी। इसे लेकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में संघर्ष चल रहा है।

कर्मचारियों का वेतन लेकर भागने वाली इस ये आउटसोर्सिंग एजेंसी के खिलाफ विधिक कार्यवाही हुई। कई महीनो के संघर्ष बाद आखिरकार श्रमिक पक्ष को विजय मिली और कर्मचारियों को उनके चार माह के वेतन दंड धनराशी के साथ प्राप्त हुआ। श्रमिक नेता हेमंत नंदन ओझा का कहना है कि इस तरह की आउटसोर्सिंग एजेंसियों के खिलाफ सरकार को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। 

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