आपको बता दे रायबरेली के सीएमओ संजय शर्मा ने अपने विभाग के उत्तर प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को एक चिट्ठी लिख डाली। जिसमें उन्होंने लिखा कि जिलाधिकारी ने उन्हें गधा कहा, और उनकी खाल खींच लेने जैसे भाषा का प्रयोग किया। बाद में यह चिट्ठी बहुत तेजी से वायरल हो गई। वहीं चिट्ठी वायरल होने के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में भी हल्ला मच गया। हर तरफ सीएमओ चर्चा में आने लगे।औरइस पूरे मामले के बारे में जब सीएमओ से बात करने की कोशिस की गई। तो पहले तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। बाद में उन्होंने बात करने से मना कर दिए। उनेहोंने यह कह दिया कि ऑफिस सही जगह नहीं है बात करने के लिए। जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी ने जिले में आते ही अलग-अलग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। और लापरवाह अधिकारियों को सुधर जाने की सलाह भी दी थी। आपको बता दे रायबरेली में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के कारण उन्होंने स्वास्थ्य महकमे को भी मीटिंग के लिए बुलाया गया था। जहां पर उन्होंने सीएमओ को सुधरने की सलाह दी थी। जिले में टाइम सेंटर्स में खाने का काम संभालने वाले डॉक्टर की अनुपस्थिति का भी मीटिंग के दौरान पता चला। इससे जिलाधिकारी ने खासी नाराज जताई और उन्होंने इसके लिए सीएमओ को डांटा भी। साथ ही उन्होंने साफ-साफ कहा कि जो हो रहा था। अब ऐसा नहीं होगा और सबको सुधरने की जरूरत है। नहीं तो सबके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।