rajasthan news: डूंगरपुर में अनुसूचित जनजाति के 21,000 कॉलेज छात्रों को पिछले दो वर्षों से छात्रवृत्ति का इंतजार है। ये छात्रवृत्ति सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा दी जाती है, मगर बीते दो वर्षों से सरकार ने इसके लिए बजट आवंटित नहीं किया है, जो लगभग 27 करोड़ रुपये है। इस कारण, छात्रवृत्ति न मिलने से कॉलेज के विद्यार्थी काफी परेशान हैं और उन्हें अलग अलग जगहों पर जाकर सहायता के लिए भटकना पड़ रहा है।
एक सरकारी अफसर ने बताया कि एसटी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए कुल 30 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति पिछले दो वर्षों से बकाया है। हाल ही में सरकार ने 3 करोड़ 33 लाख रुपये की राशि जारी की है, जिसका वितरण हो चुका है, मगर अब भी 21,000 एसटी वर्ग के कॉलेज छात्रों की 27 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति बाकी है।
इस समस्या का मुख्य कारण बताते हुए शर्मा ने कहा कि उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति का बजट केंद्र से नहीं आया है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों के बिल बनाकर भेज दिए गए हैं।
छात्रों ने बताया कि जनजातीय क्षेत्र होने के कारण यहां के बच्चों की आर्थिक स्थिति कमजोर है और वे अपनी पढ़ाई के लिए इस वजीफे पर निर्भर हैं। समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान न होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वजीफे के लिए उन्होंने कॉलेज और समाज कल्याण विभाग के कई चक्कर लगाए हैं, मगर अब तक कोई राहत नहीं मिली है।
छात्र नेता तुषार ने बताया कि विभाग के अधिकारी बकाया वजीफे के पेमेंट का आश्वासन तो दे रहे हैं, मगर पिछले दो सालों से केवल आश्वासन ही मिल रहा है।
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