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Rajasthan News: सोमवार शाम को उदयपुर में हुई हिंसक झड़प में कम से कम तीन लोग घायल हो गए, जब भाजपा विधायक विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को सिटी पैलेस में प्रवेश करने से मना कर दिया गया। सिटी पैलेस का प्रबंधन उनके चचेरे भाई और चाचा श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ करते हैं। महल के बाहर स्थिति तनावपूर्ण थी और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस की भारी तैनाती की गई थी। बताया जा रहा है कि महल के अंदर से पत्थरबाजी की गई।

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में अपने पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद सोमवार सुबह चित्तौड़गढ़ किले में विश्वराज सिंह को पूर्व राजपरिवार के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया।

इस मौके पर महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनके छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ - जो राजपूत राजा महाराणा प्रताप के वंशज हैं - उनके बीच झगड़े के बादल मंडरा रहे हैं।

विश्वराज सिंह के चाचा अरविंद सिंह ने शाही परिवार के नवनियुक्त मुखिया की शाही समारोह के अनुष्ठान के तहत परिवार के देवता एकलिंगनाथ मंदिर और उदयपुर स्थित सिटी पैलेस की योजनाबद्ध यात्रा के खिलाफ एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया।

मंदिर और महल दोनों ही अरविंद सिंह के कब्जे में हैं जो उदयपुर में श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं। सुबह अरविंद सिंह को नोटिस जारी किए जाने के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी पैलेस के गेट के बाहर पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।

स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित उनके नोटिस में संपत्ति में अतिक्रमण या नुकसान पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। चित्तौड़गढ़ किले में समारोह के बाद विश्वराज सिंह और उनके समर्थक शाम को सिटी पैलेस और एकलिंगनाथजी मंदिर देखने के लिए उदयपुर पहुंचे, मगर भारी पुलिस बल की तैनाती के कारण वे अंदर नहीं जा सके।

विश्वराज सिंह के समर्थकों ने बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश की मगर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। आला पुलिस अफसरों, उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल ने विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों से बात की और मामले को सुलझाने की कोशिश की।

उन्होंने अरविंद सिंह के बेटे से भी बात की, मगर चर्चा बेनतीजा रही। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस ने सिटी पैलेस में बाली पोल से लेकर धूनी तक के क्षेत्र के लिए रिसीवर नियुक्त करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेजी है।

विश्वराज सिंह ने अभिषेक के बाद दर्शन के लिए धूनी जाने की योजना बनाई थी। प्रवेश से मना किए जाने के बाद नाथद्वारा विधायक अपने समर्थकों के साथ जगदीश चौक चले गए, जो सिटी पैलेस से बमुश्किल कुछ मीटर की दूरी पर है।

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