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rajasthan news: अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। इस पर भीम आर्मी के चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे देश को नफरत की आग में झोंकने का एक षड्यंत्र बताया।

चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अजमेर दरगाह के बहाने महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाकर देश में नफरत फैलाने की एक नई चाल चली जा रही है। उन्होंने 1991 के पूजा स्थल कानून का हवाला देते हुए कहा कि 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में आए किसी भी धार्मिक स्थल का स्वरूप नहीं बदला जा सकता और इन मामलों की कोर्ट में सुनवाई नहीं होनी चाहिए। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्व के एजेंडे को पूरा करने के लिए कानून और संविधान की अवहेलना की जा रही है, जबकि कुछ समय पहले तक लोग संविधान की पूजा का दिखावा कर रहे थे।

भीम आर्मी चीफ ने सवाल उठाया कि नफरती ताकतें देश के माहौल को विषाक्त करने से क्यों नहीं चूक रही हैं, जबकि केवल मुस्लिम समुदाय ही नहीं, बल्कि हिंदू और सिख समाज भी सूफी मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर विश्वास रखते हैं। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप करे और 1991 के पूजा स्थल कानून की रक्षा के साथ-साथ इसे लागू करने का आदेश दे, ताकि संभल जैसी शर्मनाक घटनाओं से बचा जा सके।

उन्होंने ये भी कहा कि आजाद समाज पार्टी हर संभव मदद के लिए तैयार है और कोर्ट, सड़क या संसद में लड़ाई लड़ेगी। लेकिन संयम और विवेक से काम लेने की अपील की ताकि नफरत फैलाने वाले योजनाओं को सफल न होने दिया जाए। चंद्रशेखर ने प्रसिद्ध शायर राहत इंदौरी का शेर भी साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि जो आज सत्ता में हैं, वे कल नहीं रहेंगे।

पूरे मामले की बात करें तो हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अदालत में एक याचिका दायर की है जिसमें अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल बताया गया है। इस याचिका पर निचली अदालत ने सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है और अब 20 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।

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