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Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान का जालौर जिला वर्तमान में एक अनोखी खुशबू से भरा हुआ है - मूंगफली की खुशबू, जिसे 'गरीबों का बादाम' भी कहा जाता है।

राजस्थान भारत के प्रमुख मूंगफली उत्पादकों में से एक है, जिसमें जालोर का अहम योगदान है। जैसे ही सीजन शुरू होता है, शहर के हर गली-नुक्कड़ पर ताज़ी मूंगफली उपलब्ध हो जाती है।

स्थानीय मूंगफली व्यापारी नसरुल खान ने मीडिया को बताया, "हमारी मूंगफली नमक में भुनी जाती है, जिससे उनका स्वाद बढ़ जाता है। वे विटामिन ई से भरपूर होती हैं, जो त्वचा और बालों के लिए बेहद फायदेमंद है।"

भुनी हुई मूंगफली 160 रुपए प्रति किलो बिकती है, जबकि कच्ची मूंगफली 140 रुपये प्रति किलो बिकती है। जालोर में मूंगफली का व्यापार सिर्फ एक साधारण नाश्ते से आगे बढ़कर एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा बन गया है।

बता दें कि मूंगफली को अक्सर गरीबों का बादाम कहा जाता है क्योंकि बादाम की तुलना में ये एक सस्ती और आसानी से उपलब्ध पौष्टिक नाश्ता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, फाइबर और ज़रूरी वसा मूंगफली को एक पौष्टिक और सेहतमंद भोजन बनाते हैं, जो समाज के सभी वर्गों में लोकप्रिय है।

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