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हिंदू पंचांग में बताया गया है कि हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस साल में रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जायेगा। इस पावन पर्व पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र कामना करती हैं। साथ ही अपनी रक्षा का वचन लेती है। ज्योतिषी बताते हैं कि राखी हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बांधनी चाहिए। साथ ही इस मौके पर मंत्र जप करना चाहिए। तो आइए जानते हैं उस पवित्र मंत्र के बारे में जिसे राखी बांधते समय बहनों को अवश्य ही पढ़ना चाहिए।

रक्षा बंधन के त्योहार का उल्लेख महाभारत, भविष्य पुराण और मुगल काल के इतिहास में भी मिलता है। धर्म ग्रंथों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जब भी किसी व्यक्ति की कलाई पर कोई रक्षा/पवित्र धागा बांधा जाता है, तो उसी क्षण जातक को नीचे दिए गए मंत्र का जाप करना चाहिए।

मंत्र

येन संबधो बलि: राजा देवेंद्रो महाबल:!
तेन त्वमभिध्नामि रक्षे में चलने में !!
अर्थ- इस मन्त्र का अर्थ है कि “जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बाँधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बाँधता हूँ, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा”।

भाई की कलाई पर रक्षा धागा बांध जाए उसके बाद भी को वचन लेना चाहिए कि “मैं उस पवित्र धागे की बहन के दायित्व की कसम खाता हूं, मैं आपकी हर परेशानी और विपत्ति से हमेशा रक्षा करूंगा।

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