Up kiran,Digital Desk : भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद अपनी मजबूती बनाए रखने के लिए तैयार है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हालिया 'फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट' (FSR) में बताया गया कि मजबूत घरेलू मांग, नियंत्रित मुद्रास्फीति और सतर्क आर्थिक नीतियों ने वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित रखा है।
बैंकिंग प्रणाली मजबूत, मुनाफा और एसेट क्वालिटी में सुधार
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक पर्याप्त पूंजी और नकदी के साथ वित्तीय रूप से मजबूत हैं। उनके मुनाफे और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। 'मैक्रो स्ट्रेस टेस्ट' में यह भी पुष्टि हुई कि बैंक किसी भी प्रतिकूल स्थिति में आर्थिक झटकों को सह सकते हैं।
घरेलू वित्तीय हालात और जोखिम
रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू वित्तीय प्रणाली मजबूत और लचीली बनी हुई है। हालांकि, भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार संबंधी बाहरी अनिश्चितताएं निकट भविष्य में कुछ जोखिम पैदा कर सकती हैं।
NBFC और बीमा क्षेत्र का प्रदर्शन
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) अपनी मजबूत पूंजी और ठोस कमाई के कारण सुरक्षित मानी गई हैं। बीमा क्षेत्र की बैलेंस शीट में भी लचीलापन देखा गया है। बीमा कंपनियों का समेकित शोधन क्षमता अनुपात न्यूनतम सीमा से ऊपर है, जो वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का दृष्टिकोण
गवर्नर ने कहा, "वित्तीय स्थिरता ही हमारा 'नार्थ स्टार' है।" नीति निर्माता केवल स्थिरता पर नहीं, बल्कि नवाचार, उपभोक्ता सुरक्षा और दक्षता पर भी ध्यान दे रहे हैं।
2026 के लिए आर्थिक अनुमान
बैंक ऑफ बड़ौदा: घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत, निर्यात विविधीकरण से लचीलापन।
ICRA: वित्त वर्ष 2027 में विकास दर 6.5-7%, मुद्रास्फीति 4%।
CRISIL: वैश्विक चुनौतियां सीमित प्रभाव डाल सकती हैं, लेकिन अमेरिकी टैरिफ विदेशी निवेशकों की धारणा पर असर डाल सकते हैं।
बीमा और BFSI क्षेत्र में सुधार
भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस के नितिन मेहता ने 2025 के सुधारों को क्रांतिकारी बताया। 100% FDI और 'बीमा सुगम' पहल ने पूंजी और पहुंच की चुनौतियों को हल किया।
एनबीएफसी और गोल्ड लोन क्षेत्र
मुथूट फिनकॉर्प के सीईओ शाजी वर्गीस ने कहा कि गोल्ड लोन अब आपातकालीन ऋण नहीं रहकर निवेश और व्यवसाय वृद्धि का माध्यम बन गया है। 1 अप्रैल 2026 से लागू होने वाले नए नियम उद्योग में पारदर्शिता और स्थिरता लाएंगे।
निवेश के बदलते स्वरूप
एंजेल वन एएमसी के हेमेन भाटिया के अनुसार, भारत में पैसिव निवेश तेजी से बढ़ रहा है। 2019 में 1.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 13.7 लाख करोड़ रुपये हो गए हैं।
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