कई बार ऐसा होता है कि भरोसे की नींव पर टिका रिश्ता अचानक से टूटने लगता है और दो लोगों के बीच किसी तीसरे की एंट्री होने लगती है। दरअसल रूटीन लाइफ जहां एक ओर हमें व्यवस्थित रखती हैं वहीं दूसरी तरफ कई बार बोर भी कर देती है। कई वर्षों तक साथ रहते-रहते लोग अपने लाइफ पार्टनर के प्रति लापरवाह होने लगते हैं जो अक्सर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स की वजह बनता है।
अटेंशन के लिए
अधिकतर महिलाएं अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए इस रास्ते पर चल पड़ती हैं। वो चाहती हैं कि कोई उन्हें ध्यान से सुने, विवाहित जीवन में अकसर पति या बच्चे उसे नहीं समझ पाते जिससे वह किसी ऐसे को तलाशने लगती हैं जो उसे सुने, उसे अटेंशन दे। सेल्फ एस्टीम बढ़ाने के लिए भी महिलाओं को दूसरे पुरुषों के ध्यान की आवश्यकता महसूस होती है।
भावनात्मक सहारे की चाहत
शादी के कुछ वर्षों बाद पति-पत्नी एक दूसरे की भावनात्मक जरूरतें पूरी करने से परहेज हैं। उन्हें डर सताने लगता है कि कही दूसरा उन्हें अपना गुलाम न बना ले। कई बार लोग अपनी भावनाएं भी एक-दूसरे से शेयर नहीं करते हैं। ऐसे में लोग किसी अन्य महिला या पुरुष के साथ भावनात्मक सहारे तलाशने लगते हैं।
शादीशुदा जिंदगी अच्छी न हो
शादी के बाद जब पति-पत्नी में साथ अंडरस्टैंडिंग नहीं होती है तो भी रिश्ता खराब होने लगता है। जब यही अधिक बढ़ने लगती है तो मन किसी दूसरे की तरफ आकर्षित होने लगता है। इंसान किसी ऐसे साथ की तलाश करने लगता है जो उसे उसकी कमियों और खूबियों के साथ स्वीकार सके।