ममता के चारों नेताओं को राहत, CBI को झटका, दिनभर चले सियासी ड्रामे के बीच कोर्ट ने दिया ये फैसला

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कोलकाता। नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार मंत्री सुब्रत मुखर्जी, मंत्री फिरहाद हकीम, पूर्व मेयर शोभन चटर्जी और विधायक मदन मित्रा को सीबीआई की विशेष कोर्ट ने जमानत दे दी है।

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14 दिन की न्यायिक हिरासत की फरियाद की थी

सोमवार शाम को सीबीआई की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश अनुपम मुखोपाध्याय की कोर्ट में लगभग डेढ़ घंटे तक वर्चुअल माध्यम से सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई ने ऑनलाइन 48 पेज की चार्जशीट पेश की। चार्जशीट में इन नेताओं के अलावा निलंबित आईपीएस अधिकारी एसएचएम मिर्जा का नाम भी शामिल है। टीएमसी के नेताओं की ओर से वकील कल्याण बनर्जी ने पक्ष रखा, जबकि सीबीआई ने इन नेताओं को प्रभावशाली करार देते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत की फरियाद की थी। तृणमूल नेता और वकील कल्याण बनर्जी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए गिरफ्तार किया गया है।

चारों नेताओं के सीबीआई की हिरासत में देने की अर्जी खारिज

विधानसभा अध्यक्ष से गिरफ्तारी के पहले अनुमति नहीं ली गई। राज्यपाल किसी भी रूप से गिरफ्तारी का आदेश नहीं दे सकते हैं। मंत्री अरुप रॉय ने कहा कि राज्यपाल भाजपा के कैडर हैं। वह गिरफ्तारी का आदेश नहीं दे सकते हैं। सीबीआई के वकीलों का कहना था कि चूंकि गिरफ्तार नेता प्रभावशाली हैं, यदि उन्हें रिहा कर दिया गया, तो जांच प्रभावित हो सकती है, जबकि इन नेताओं के वकीलों ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान कोविड परिस्थिति में यदि इन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, तो कोलकाता की स्थिति बिगड़ सकती है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीबीआई कोर्ट ने चारों नेताओं के सीबीआई की हिरासत में देने की अर्जी खारिज करते हुए चारों को जमानत दे दी। चारो लोगों को 50 हजार रुपये के निजी बांड पर जमानत मंजूरी की गई।

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