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Up Kiran, Digital Desk: दुनिया भर में गाड़ियों के शौकीन नेताओं की कोई कमी नहीं, लेकिन अगर आप अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए तो यह शौक आपको त्यागना ही पड़ेगा। यहां तक कि पद छोड़ देने के बाद भी हालात नहीं बदलते। अमेरिकी राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति कभी भी सार्वजनिक सड़कों पर अपनी कार खुद नहीं चला सकते। यह नियम जितना सख्त है, उतना ही दिलचस्प कारण भी छिपा है इसके पीछे।
सुरक्षा ही है सबसे बड़ा कारण
अमेरिका के राष्ट्रपति को न सिर्फ घरेलू बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कई प्रकार के खतरों का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि पद पर रहते हुए और उसके बाद भी उनकी हिफ़ाज़त की ज़िम्मेदारी यूएस सीक्रेट सर्विस पर रहती है। एजेंसी का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि उनकी सुरक्षा में कहीं कोई चूक न हो। गाड़ी खुद चलाने से उनका ध्यान सड़क पर होगा, जबकि संभावित हमलों या खतरों से बचाव के लिए चौकसी कम हो जाएगी। यही कारण है कि यह नियम उन्हें आजीवन मानना पड़ता है।
'द बीस्ट' से लेकर निजी परिसर तक
कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति जिस गाड़ी में चलते हैं, उसे 'द बीस्ट' कहा जाता है। यह एक विशेष बख्तरबंद वाहन है, जिसे चलाने के लिए प्रशिक्षित एजेंट मौजूद रहते हैं। लेकिन सत्ता छोड़ने के बाद भी नियम ढीले नहीं होते। पूर्व राष्ट्रपति चाहें तो अपने घर या किसी निजी संपत्ति के भीतर ही गाड़ी चला सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक मार्ग पर ऐसा करना पूरी तरह वर्जित है।
सिर्फ गाड़ी ही नहीं, और भी पाबंदियां
दरअसल यह पाबंदी सिर्फ कार चलाने तक सीमित नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति कहीं अकेले नहीं जा सकते। हर वक्त उनके साथ सीक्रेट सर्विस के एजेंट रहते हैं। उनके किसी भी सफर के लिए पहले से पूरी सुरक्षा व्यवस्था तैयार करनी पड़ती है। यानी सत्ता की कुर्सी भले ही हाथ से चली जाए, लेकिन सुरक्षा का घेऱा जीवनभर उनके साथ बना रहता है।
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