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Rishikesh AIIMS: एम्स के डॉक्टरों ने उत्तर प्रदेश की एक सात वर्षीय बच्ची का सफल हृदय ऑपरेशन कर उसे नया जीवन प्रदान किया है। बरेली जिले के भंगरोला नवाबगंज की ये बच्ची पिछले एक वर्ष से सांस लेने में कठिनाई का सामना कर रही थी और जन्म से ही नीले रंग की बीमारी से पीड़िता थी।

बच्ची के परिवार ने उसे कई अस्पतालों में ले जाया, मगर सभी ने इलाज करने से मना कर दिया। अंततः, उन्होंने एम्स का रुख किया, जहां जांच में पता चला कि बच्ची हृदय की बड़ी धमनियों के विपरीत स्थानांतरण से पीड़ित है, जो एक जन्मजात हृदय रोग है।

सीटीवीएस विभाग के पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन डॉ. अनीश गुप्ता ने सभी आवश्यक जांचें कीं और परिजनों की सहमति से बच्ची की सर्जरी का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि यह बीमारी जानलेवा होती है और अधिकांश मामलों में 90 प्रतिशत शिशुओं की जन्म के कुछ दिनों बाद मृत्यु हो जाती है।

बच्ची की सर्जरी में उसके हृदय की धमनियों को न बदलकर एट्रियम चैंबर के खानों को आपस में बदल दिया गया। इस प्रक्रिया के बाद, बच्ची का हृदय अब सही तरीके से काम करने लगा है और उसे सांस लेने में भी आसानी हो गई है।

इस सफल ऑपरेशन की टीम में डॉ. अनीश के साथ डॉ. दानिश्वर मीणा और एनेस्थेसिया के डॉ. अजय मिश्रा शामिल थे। कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने इस टीम की खूब तारीफ की है।
 

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