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टाइप 2 शुगर का खतरा 45 वर्ष की आयु के बाद बढ़ जाता है। यह संख्या 18 से 44 वर्ष की आयु वालों की तुलना में लगभग 5 गुना अधिक है। उम्र के साथ शुगर का खतरा बढ़ता जाता है। लंबाई से ज्यादा वजन, बार-बार भूख लगना, थकान महसूस होना जैसी समस्या हो तो तुरंत डायबिटीज की जांच कराएं।

यदि किसी बच्चे को कम उम्र में शुगर हो जाता है, तो अन्य बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। 30-40 साल के लोग अपनी हेल्थ के अलावा दूसरी चीजों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। जिंदगी का लुत्फ उठाने के लिए पार्टी करना, देर तक सोना, गलत खान-पान और धूम्रपान जैसी चीजों में शामिल हो जाते हैं।

कुछ लोग अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करते हैं क्योंकि वे भविष्य को संवारने और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए दिन-रात काम में व्यस्त रहते हैं। अत्यधिक तनाव और गलत जीवनशैली के कारण अग्न्याशय में स्वस्थ कोशिकाएं डेड या कम होने लगती हैं।

आपको बता दें कि शुगर को काबू में रखने के लिए बैलेंस्ड डाइट लेना जरूरी है। आपके खाने में साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, फल, सब्जियां और हेल्दी फैट वाली चीजें शामिल होनी चाहिए। बीपी को नियंत्रण में रखने के लिए आपको मीठे खाद्य और पेय पदार्थों से बिल्कुल परहेज करना चाहिए।
 

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