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बठिंडा के पनसप केंद्रों में गेहूं के भंडारण को लेकर भारी अनियमितताएं सामने आई हैं. यहां गेहूं खराब होने और खराब होने से पनसप को 4 करोड़, 68 लाख, 48 हजार, 600 रुपये की क्षति हुई है. जांच में लगभग आधा दर्जन अफसरों की बंदरबांट सामने आई है. पनसप ने पहले मामले की जांच की जिम्मेदारी सेवानिवृत्त अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को जांच अधिकारी के रूप में सौंपी थी।

उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर एक सेवानिवृत्त अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को तथ्यान्वेषी अधिकारी नियुक्त किया गया, जिन्होंने जांच में आरोपी अधिकारियों से लंबी पूछताछ के बाद पाया कि घोटाला हुआ है। रिपोर्ट के आधार पर अफसरों से फौरन रिकवरी की सिफारिश पर अब पनसप की प्रबंध निदेशक सुनली गिरी ने दोषी अफसरों की पहचान कर उनसे रिकवरी के आदेश जारी कर दिए हैं।

दरअसल, 2012-13 में बठिंडा के गेहूं परिवहन में लगभग 11 साल से चल रही बड़ी अनियमितताओं की शिकायतों की जांच में उस समय संबंधित केंद्रों पर तैनात 5 अधिकारी और कर्मचारी शामिल पाए गए थे। इनमें से 2 अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। फिलहाल आगे की कार्रवाई जारी है। 

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