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Russia Ukraine War: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के अगले प्रेसिडेंट बनने की संभावना को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अशांति फैली हुई है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने का वादा किया था, जिसके चलते उम्मीद थी कि प्रेसिडेंट बनने के बाद वे पुतिन से समझौता करने का कोई रास्ता निकाल लेंगे। लेकिन अब एक नई रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई6 के पूर्व प्रमुख सर रिचर्ड डियरलोव के मुताबिक ट्रंप की योजना सिर्फ युद्ध खत्म करने की नहीं, बल्कि रूस को घुटनों पर लाने की है।

रूस के खिलाफ ट्रंप की बड़ी तैयारी

पूर्व MI6 प्रमुख सर रिचर्ड डियरलोव ने दावा किया है कि प्रेसिडेंट बनने के बाद ट्रंप रूस पर दबाव बनाने के लिए एक विनाशकारी योजना पर काम करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप यूक्रेन को रूस के प्रमुख शहरों पर सीधे हमला करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति देने जा रहे हैं। इस योजना के तहत न केवल यूक्रेन को अधिक हथियार सहायता मिलेगी, बल्कि अमेरिका और नाटो सहयोग भी बढ़ेगा।

फिलहाल यूक्रेन के पास ब्रिटेन की स्टॉर्म शैडो और अमेरिका की ATACMS जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें हैं, लेकिन अमेरिका ने उन्हें सीमित क्षेत्र में ही इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। इन मिसाइलों का इस्तेमाल क्रीमिया और रूस के कब्जे वाले इलाकों में ही किया जा रहा है। अब अगर ट्रंप यूक्रेन को रूस के बड़े शहरों पर हमला करने की अनुमति देते हैं, तो इसका मतलब विश्व युद्ध की ओर बढ़ना होगा।

क्या ट्रम्प कोई विनाशकारी निर्णय ले सकते हैं?

यूक्रेनी प्रेसिडेंट ज़ेलेंस्की ने रूस के विरुद्ध लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति बार-बार मांगी है, लेकिन जो बिडेन ने कभी इसकी अनुमति नहीं दी। अगर ट्रंप इसकी अनुमति देते हैं, तो यह नाटो और अमेरिका को सीधे रूस के विरुद्ध खड़ा कर सकता है। दुनिया ने परमाणु शक्ति की विनाशकारी शक्ति को तब देखा जब प्रेसिडेंट हैरी एस ट्रूमैन ने 1945 में जापान पर परमाणु हमला करने का फैसला किया था। अब ट्रंप द्वारा ऐसा ही कोई फैसला लिए जाने की अटकलें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंतित कर रही हैं।

फिनलैंड में रूस की सीमा पर अमेरिका का शक्ति प्रदर्शन

यूएसए ने फिनलैंड में अपने परमाणु बमवर्षकों का शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया है। फिनलैंड हाल ही में नाटो में शामिल हुआ है और इसकी भौगोलिक स्थिति रूस के लिए संवेदनशील मानी जाती है। 5 नवंबर को अमेरिका के B-52H बमवर्षक विमान ने फिनलैंड के ऊपर से उड़ान भरी, जिसे रूस के लिए सीधा संदेश माना जा रहा है। यह बमवर्षक विमान परमाणु क्षमता वाली AGM-86B एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल ले जाने में सक्षम है, जिससे रूस पर दबाव और बढ़ गया है।

आपको बता दें कि ट्रंप की इस खतरनाक योजना को लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। अगर ट्रंप प्रेसिडेंट बनते हैं तो उनके सख्त रुख के कारण दुनिया को एक बार फिर शीत युद्ध जैसे हालात का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, अब देखना यह है कि ट्रंप की यह योजना क्या रूप लेती है और क्या इससे रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान निकलेगा या फिर यह विश्व शांति के लिए एक और चुनौती बनकर उभरेगा।

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