Sankashti Chaturthi 2021 Dates: इस विधि से करें भगवान श्री गणेश की पूजा, आपके समस्त कष्ट हो जायेंगे दूर

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भगवान श्री गणेश को ज्ञान और सौभाग्य के देवता के रूप में पूज्यनीय माना गया है. संकष्टी (Sankashti Chaturthi 2021 Dates) से आशय कठिनाइयों से मुक्ति होता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री गणेश भक्तों की मुश्किलों को कम करते हैं और समस्त बाधाओं को हर लेते हैं.Sankashti Chaturthi 2021 Dates

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, हर माह संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष के चौथे दिन मनायी जाती है. इस बार मार्ग-शीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी 23 नवंबर यानि मंगलवार को पड़ रही है. इस दिन, सभी भक्त सुखी और स्वस्थ्य जीवन के लिये आशीर्वाद पाने के लिये भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं. बता दें कि हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस दिन ही भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश का नाम सभी देवताओं से श्रेष्ठ रखा था.

जानें संकष्टी चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त

(Sankashti Chaturthi 2021 Dates) मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी आरंभ- 22 नवंबर 2021 (सोमवार) रात 10 बजकर 26 मिनट से
मार्ग-शीर्ष मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी समापन- 24 नवंबर 2021 (बुधवार) रात 12 बजकर 55 मिनट तक
चंद्रोदय का समय- 23 नवंबर (मंगलवार) रात 8 बजकर 27 मिनट पर

क्या है संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2021 Dates) का महत्व

संकष्टी का संस्कृत अर्थ संकट हारा या बाधाओं और प्रतिकूल समय से मुक्ति है. भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिये संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2021 Dates) को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश को सभी देवताओं में सर्वश्रेष्ठ घोषित किया था. भगवान श्री गणेश की पूजा किसी भी अनुष्ठान की शुरुआत, या एक नये उद्यम की शुरुआत से पहले की जाती है. भगवान श्री गणेश को ज्ञान के देवता के रूप में भी पूजा जाता है और विघ्नहर्ता यानि सभी बाधाओं को दूर करने वाला के रूप में जाना जाता है.

ये है संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2021 Dates) पूजा विधि

-सुबह यानि प्रातःकाल उठकर गणेश जी को जल चढ़ाकर उनकी पूजा करें.
-इस दिन भर का व्रत रखें क्योंकि ऐसा करने से सभी मनोकामनायें पूरी होती हैं.
-दिन में किसी भी रूप में चावल, गेहूं और दाल का सेवन करने से बचें.
-शाम के वक्त दूर्वा घास, फूल, अगरबत्ती और दीया से भगवान श्री गणेश की पूजा करें.
-पूजा विधि का पूर्णतः पालन करते हुए श्री गणेश मंत्रों का जाप करें.
-मान्यता है कि गणपति बप्पा को भोग में मोदक और लड्डू पसंद हैं इसलिए भोग उन्हें भोग में मोदक और लड्डू लगायें.
-चांद निकलने से पहले गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ किया जाता है. (Sankashti Chaturthi 2021 Dates)
-चंद्रोदय के बाद उपवास तोड़ें. चंद्रमा का दिखना बहुत ही शुभ माना जाता है. इसलिए जब चंद्रमा दिखाई दे तो अर्घ्य दें.

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