शाहजहांपुर॥ जेल प्रशासन का बड़ा कारनामा सामने आया है। बलात्कारी आसाराम का जेल में किया गया गुडगान। आशाराम का फोटो लगाकर जेल में सत्संग कराया गया। आसाराम का फोटो लगा बैनर लगाकर जेल में बैठे अधिकारी। जेल प्रशासन ने फोटो खींचाकर प्रेस नोट किया जारी। बैनर पर आसाराम की फोटो लगाकर जेल में बंदियों को बांटे गए कंबल। लखनऊ से आये आसाराम के साधकों ने शाहजहांपुर की जेल में बाँटे कंबल। पीड़िता के पिता ने मामले का किया कड़ा विरोध। शाहजहांपुर जिला कारागार का मामला।
जिले में आसाराम प्रकरण अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां जिला कारागार में आसाराम के अनुयायियों ने लखनऊ से आकर कैदियों को एक कार्यक्रम करके कंबल तथा ऋषि प्रसाद पत्रिका का वितरण किया है। शाहजहांपुर की जिला कारागार में सोमवार को आसाराम के शिष्यों द्वारा कंबल आज बांटे गए इस दौरान सत्संग भी हुआ तथा आसाराम का तुलसी पूजन दिवस का एक होल्डिंग भी लगाया गया जिसमें आसाराम का चित्र प्रमुखता से होर्डिंग पर लगाया गया है।
पीड़िता के पिता ने फोन पर हमारे संवाददाता को बताया कि कल सोमवार को जेल में आसाराम के खास गुर्गे लखनऊ से आए और उन्होंने जेल के अंदर सत्संग करते हुए कंबल तथा पांच पांच ऋषि प्रसाद पत्रिका का वितरण किया एवं सत्संग करके एक अपराधी का महिमामंडन भी किया गया है।
उन्होंने कहा कि आसाराम के गुर्गे आसाराम की खराब हुई छवि को सुधारने के लिए ढोंग करने से बाज नहीं आ रहे हैं ,इसीलिए इस तरह का अनर्गल कार्य कर रहे हैं। उन्होंने इस पूरे मामले के जांच की मांग की है।
जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने फोन पर बताया कि जेल में 75 कैदियों को कंबल बांटे गए हैं क्योंकि आसाराम के अनुयाई अर्जुन तथा नारायण पांडे जब यहां जेल में बंद थे तब नारायण पांडे को फालिस का अटैक हुआ था। उसके आधे धड़ ने काम करना बंद कर दिया था। जेल प्रशासन ने उसका इलाज कराया और जब वह यहां से जमानत पर छूटा तब उसने कैदियों को कंबल बनवाने को कहा था।
कुमार ने बताया कि कल सोमवार को इसी क्रम में अर्जुन तथा नारायण पांडे ने एक संदेशा भिजवाया और बाद में 75 कंबल भेजे हैं जो कैदियों में बांटे गए हैं तथा सत्संग तथा आसाराम के महिमामंडन की बात निराधार है। अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामसेवक द्विवेदी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है यदि ऐसा हुआ है तो मामले की जांच कराकर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
शाहजहांपुर जेल द्वारा पत्रकारों को बनाए गए एक व्हाट्सएप ग्रुप में कुछ खास पत्रकारों को ही जोड़ा गया है कल सोमवार को एक प्रेस नोट तथा जेल के अंदर आसाराम के अनुयायियों अर्जुन तथा नारायण पांडे द्वारा किए गए इस कार्यक्रम की फोटो एक प्रेस नोट जो जेल अधीक्षक के हस्ताक्षर से भेजा गया था बाद में उसे डिलीट किया गया इस दौरान कुछ लोगों ने उसे सुरक्षित कर लिया जो वायरल हो रहा है।
आपको बता दें कि शाहजहांपुर की एक छात्रा जो आसाराम के जोधपुर स्थित आश्रम में पढ़ती थी वहां आसाराम ने उसके साथ दुष्कर्म किया था बाद में मामले में 2013 में आसाराम को जेल भेज दिया गया तथा 2018 में उन्हें न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी तब से आज तक आसाराम जेल में ही बंद है वहीं जेल में हुए इस कार्यक्रम के अनुयाई अर्जुन नारायण पांडे ने आसाराम प्रकरण में एक प्रमुख गवाह कृपाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी उसी मामले में यह शाहजहांपुर जिला न्यायालय में बंद थे जिन्हें कुछ समय पूर्व जेल से जमानत मिल गई थी।
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