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satsang stampede: अगर आपको मायाजाल बुनना और हवाओं को बेंचना आता है तो आपको, आपका यह हुनर एक शानदार घर्मगुरू या बाबा बना सकता है। धर्मगुरूओं और बाबाओं का यह एक ऐसा शानदार बिजनेस है जिसमें तमाम अवांछित तत्व भी उतर चुके हैं। गद्दी, प्रापर्टी और बेतहाशा पैसा कमाने का यह एक शानदार बिजनेस है।

अरबो-खबबों रूपए की कमाई/उगाही/फ्राडगिरी का ये इकलौता बिजनेस है जो बगैर जीएसटी-इनकम टैक्स के चलता है। यह एक ऐसा बिजनेस है जो केवल हवाएं और हवाई किस्से-कहानियां बेचता है और इस बिजनेस का मुख्य मालिक टांगे फैलाकर पैर पुजवाता और मर्सिडीज पर घूमता है। जबकि भक्तगण, साइकिल पर पैडल मारते या स्कूटी में 50 रूपए का पेट्रोल डलवाते हुए, यह सपना पाले रहते हैं कि मरने के बाद मोक्ष मिलेगा। जीते-जी नर्क जियेंगे वह भी मौत के बाद मोक्ष की चाह में..!!

मजेदार बात तो यह है कि इस बिजनेस को अधिकांशतः धूर्त, चालाक और अनपढ़ लोग संचालित कर रहे हें। पाखंड इस बिजनेस का मूलाधार हैं। घर्म व पाखंउ का यह पागलपन हर साल लाखों जाने ले रहा है लेकिन सच को समझने के लिए कोई तैयार नहीं है।

आजादी के बाद 1960 के दशक से पुष्पित-पल्लवित होता हुआ यह बिजनेस अब सत्ताधारियों, माफियाओं और समाज के चंद ताकतवर लोगों का फेवीकोल टाइप मजबूत ठगबंधन/गठबंधन बन चुका है। ये धंघा अब सुरसा का मंह बन चुका है और भक्तों की तादाद को बाबाओं/धर्मगुरूओं ने एकमुश्त वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। आज नतीजा आपके समाने है बशर्ते आप चिंतन-मनन करना चाहें तो आपको बहुत कुछ साफ-साफ नजर आने लगेगा।

गांव का एक लड़का सुहानी शाह जैसी कलाकार से भी औसत दर्जे की माइंड रीडिंग आर्ट सीख जाता है और चंद सालों में ही वह मर्सिडीज या क्रूजर लैंड से लेकर चार्टेड विमान पर टहलने लगता है। वह इतना ताकतवर हो जाता है कि मध्य प्रदेश के विधान सभा चुनावों में हर एक राजनीतिक दल का नेता उसके यहां मत्था टेकने जाता है।

हरियाणा/पंजाब का एक बलात्कारी और हत्यारा बाबा जब चाहता है मनमाफिक पैरोल पर अंदर-बाहर आता-जाता है। पैरोल पर बाहर आकर बाबा अपने म्यूजिक एल्बम की म्युजिक बनाने के काम में लग जाता है। एक बाबा दिल्ली में शनिदेव का बहुत बड़ा भक्त था। वह एक बड़े चैनल के मालिक और भाजपाई पत्रकार के चैनल पर सुबह-सुबह आकर आधे घंटे का चंक लेकर भक्तों की समस्याओं का हवाई समाधान करने लगा। एक दिन पता चला कि उसने अनेक लड़कियों की जिंदगी तबाह कर दी और भाग निकला।

दिल्ली के रोहणी इलाके में एक आश्रम था। चारों ओर से सील। इस आश्रम में एक बार जो महिला पहुंच जाती थी तो वह दोबारा बाहर नहीं आ पाती थी। बाबा के आश्रम में ऐसी करीब 40 औरतें थीं जिनसे बाबा रेप करता था। वर्ष, 2018 में किसी तरह से वहां से एक औरत पुलिस तक संदेश पहुंचाने में कामयाब रही। पुलिस ने छापा मारा तो 40 औरतों को मुक्त कराया गया। बाबा अपने सामने सारी औरतों को सारे कपड़े उतारने का आदेश देकर नहाने के लिए विवश करता था। बाबा छापे के बाद से फरार है और केस आज भी सीबीआई के पास है।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक ऐसा बाबा था जो यह कहता था कि उसकी पूजा से जिन औरतों को बǔचे नहीं हो रहे हैं, उनको संतान मिल जायेगी। वह औरतों को अकेले बुलाता था और उसके साथ आए लोगों को ढाई घंटे बाहर इंतजार करने को कहता था। अंदर ले जाकर महिलाओं को एक मैक्सी पहना दी जाती थी और हवन शुरू होता था। हवन के धुएं में ही महिला धीरे-घीरे अर्धमूर्छित हो जाती थी तो बाबा उसके साथ यौनाचार करता था और ढा्ई घंटे बाद उसे वापस भेज देता था। यह किस्सा खुला तो पता चला कि बाबा ने कम से 1 हजार औरतों के साथ यौनाचार किया और फिर भाग निकला।

धर्म के बिजनेस का मुख्य आधार पाखंड है। मध्य प्रदेश में एक मिश्र बाबा पीपल के पत्ते पर एक मंत्र लिखकर आईएएस की परीक्षा तक पास कराने का दावा कर रहे थे लेकिन खुद का बेटा हाई स्कूल में फेल हो गया। एक और बाबा है, लोगों से कहता है कि गोबर से मुंह साफ करें और भरत जी ने 14 साल गो-मूत्र में खिचड़ी बनाकर खाई थी। ऐसे पाखंडी बाबाओं की एक पूरी लिस्ट है। हजारों की संख्या में तो क्षे़त्रीय बाबा/धर्मगुरू है इनके भी हजारों फालोवर हैं।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक बाबा ने तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस देश के मेन स्टीम मीडिया की जग हसाई करा दी थी जब उसने कहा कि अब खुदाई में सोना मिलेगा। देखते ही देखते डौंडिया खेड़ा की खुदाई पूरे विश्व में मजाक का विषय बन गई। देश में ऐसे आश्रम और धर्मगुरू हैं जिनके पास फाइनेंशियल इयर खत्म होने के दो माह पहले बड़े-बड़े धन कुबेरों की लाइन लगी रहती है। इन आश्रमो को आयकर की धाराओं में छूट मिलती है और इसी छूट में करोड़ों के वारे-न्यारे होते हैं। मैंने 2002 में दिल्ली आउटलुक मैगजीन में कार्यरत होने के दौरान इस पर एक बड़ी स्टोरी की थी लेकिन वह नहीं छपी। हर साल धार्मिक स्थानों पर या आश्रमों में भगदड़ होने के कारण हजारों लोग मारे जाते हैं। विगत वर्ष ही मध्य प्रदेश में एक बाबा एक दिव्य रूद्राक्ष बांट रहा था उसे लेने के लिए भीड़ बेकाबू हुई और लगभग 25 लोग मारे गये।

हाथरस का 122 लोगों के मरने का किस्सा सामने है। यूपी के प्रतापगढ़ में एक बहंत ही भव्य मंदिर है और उसके एक बड़े गुरू जी हुआ करते थे। कपड़ा और खाना बांटने के दौरान भगदड हुई और 63 लोग मारे गये थे। ऐसे ही 2 जुलाई, 1990 में मक्का में भगदड़ हुई और 1400 लोग मारे गये। इस वर्ष 2024 में भी मक्का में तेज गर्मी के कारण करीब 800 लोग मारे गये। भारत में तो हर साल गणेश प्रतिमा विसर्जन और दुर्गा विसर्जन में सैकड़ों लोग मारे जाते हैं। भारत में तीर्थयात्रा के दौरान हर साल मार्ग दुर्घटनाओं में हजारों लोग मारे जाते हैं। 

बद्रीनाथ की दुखद घटना जिसमें 10 हजार से अधिक लोग मारे गये, आज भी दिल दहला देती है। इतना सब होने के बाद भी यह क्रम जारी है और इनमें सबसे आसान शिकार औरते हैं। 

                                                                                           - पवन सिंह

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