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उत्तर प्रदेश रोडवेज परिवहन की एक बस बिजनौर में नदी के तेज बहाव में बहने से बाल-बाल बच गई। काफी देर तक बस में सवार यात्रियों में दहशत मची रही। पिछले कई दिनों से हुई मूसलाधार बारिश के बाद यूपी के कई जिलों में नदियां उफान पर हैं। बिजनौर में कोटावाली नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। 

बिजनौर के नजीबाबाद डिपो की एक बस शनिवार सुबह लगभग 8 बजे हरिद्वार के लिए निकली थी। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के बॉर्डर पर कोटा वाली नदी में बाढ़ का ज्यादा पानी आने के कारण बस अचानक से पानी में फंस गई। पानी में फंसने के कारण बस में सवार लगभग 50 यात्री पानी में काफी देर तक फंसे रहे। बस में सवार सभी यात्री जान बचाने के लिए आवाजें लगाते रहे । 

दहशत के मारे कुछ यात्री बस की छत पर चढ़ गए। बस चालक पानी का अंदाजा नहीं लगा पाया और बस निकालने लगा, उसी चक्कर में बस पानी के तेज बहाव में फंस गई। इससे बस में सवार यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।‌ बस में करीब 50 यात्री सवार थे। कुछ यात्री बस की छत पर पहुंचकर बचाने की गुहार लगाते हुए चिल्लाने लगे। 

सूचना पाकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की रेस्क्यू टीम जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंची। बस को पलटने से बचाने के लिए तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें बस बीच धारा में फंसी हुई है और पुलिस के ऊपर से जेसीबी की मदद से बस को पलटने से बचाने की कोशिश की जा रही है। पुल के ऊपर से जेसीबी की मदद से रस्सी को नीचे फेंका गया और उसके सहारे यात्रियों को बाहर निकाला गया। 

बस में करीब 50 यात्री सवार थे। फिलहाल सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया है। बता दें कि पहाड़ों पर भारी बारिश का सिलसिला जारी है। ऐसे में बारिश का पानी बहकर मैदानी इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ा रहा है। 

नतीजा यह है कि नदियां उफान पर हैं और कई तो खतरे के निशान को भी पार कर चुकी हैं। बिजनौर में भी हरिद्वार और ऋषिकेश होते हुई पहाड़ का पानी सीधा नदियों में गिरता है, जिससे वहां की नदियां विकराल रूप ले चुकी हैं। यूपी की बात करें तो राज्य के 13 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। इन जिलों में आगरा, अलीगढ, बिजनौर, बदायूं, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर और शामली आदि शामिल हैं।

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