शाहजहांपुर जनपद में सीएम योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था को लेकर जहां बड़े बड़े दावे करते हैं। तो वही उनकी उत्तर प्रदेश पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम साबित हो रही है। जुलाई माह 2023 में शाहजहांपुर के अलग अलग थाना क्षेत्रों में हत्याओं से शाहजहांपुर गूंज उठा।
जुलाई महीने में कितनी व्यवस्था बदली है ये तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन इतना जरूर है कि कानून-व्यवस्था का हाल खराब है. रामराज्य कहे जाने वाली योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल को देखें तो प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं विचार मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की अपराध संबंधी रिपोर्ट को खंगाले तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
जुलाई महीनों में कम से कम हत्या के 7 हाई प्रोफाइल मामले सामने आ चुके हैं, जिससे पूरा जनपद सहम उठा है।. इनमें से 2 रंजिस से जुड़े। एक प्रेम प्रसंग से जुडा हैं।. इनमें कुछ को तो बहुत ही बर्बर तरीके से मौत के घाट उतारा गया है। रिपोर्ट के आंकडों के अनुसार, 2 जुलाई सिधौली के पैना बुजुर्ग निवासी रामचंद्र की रंजिशन पीट-पीटकर हत्या की गई थी.
5 जुलाई 2023 को थाना गढ़िया रंगीन के बिरिया कला निवासी अजय यादव की प्रेम प्रसंग में मिर्जापुर क्षेत्र में गोली मारकर हत्या की गई.
7 जुलाई 2023 को चौक कोतवाली के मोहल्ला वाला तिराही के हिस्ट्रीशीटर अखिलेश गुप्ता की गोली मारकर हत्या की गई.
तो वहीं 11 जुलाई को सेहरामऊ दक्षिणी के गांव अंधरापुर निवासी राजेश कुमार की रंजिश धारदार हथियार से हत्या की गई।
25 जुलाई 2023 को थाना सदर बाजार के मोहल्ला शांतिपुरम कॉलोनी में सपा महिला सभा नेता खालिदा की धारदार हथियार से हत्या.
25 जुलाई 2023 चौक कोतवाली के मोहल्ला बिजली पुरम निवासी रियासत अली की रेती रोड पर पीट कर हत्या कर दी जाती है।
27 और 28 जुलाई की रात को डीएम कंपाउंड में विधवा राम बेटी की ईट से कुचल कर निर्मम हत्या कर दी जाती है।
ये है देश के सबसे बड़े क्राइम स्टेट यूपी के शाहजहांपुर जनपद हत्याओं का रिपोर्ट कार्ड। अब जरा इसे 365 दिन से गुणा कीजिए तो सर चकरा देने वाला डाटा सामने आएगा। ऐसा तब है जब यूपी पुलिस आए दिन कई अपराधों के मामलों में रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करती है।। हत्या के आरोपी सलाखों के पीछे जरूर हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है.बहरहाल, देखने वाली बात होगी कि क्या हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर पुलिस लगाम लगा पाएगी या ऐसे ही चलता रहेगा।
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