मनुष्य के जीवन में घटने वाली कई घटनाएं को शकुन-अपशकुन (Shakun Apshakun) से जोड़ कर देखा जाता है। शकुन शास्त्र में इन्हीं घटनाओं का जिक्र किया गया है जो आपके साथ शुभ या अशुभ होने का संकेत देती हैं। आंख फड़कने को लेकर भी शकुन शास्त्र में कई ख़ास बातें बताई गई हैं। शकुन शास्त्र के अनुसार दोनों आंख फड़कने का अलग-अलग मतलब होता है। साथ ही पुरुषों और महिलाओं के आंख फड़कने के अलग-अलग अर्थ होते हैं। आइए जानते हैं कि दाईं और बाईं आंख फड़कने का क्या मतलब होता है और यह किन स्थितियों कब शुभ और कब अशुभ होती है।
दाईं आंख फड़कना
शकुन शास्त्र (Shakun Apshakun) में कहा गया है कि पुरुषों और महिलाओं की दाईं आंख फड़कना अलग-अलग संकत देता है। पुरुषों की दाईं आंख फड़कना शुभ संकेत माना जाता है। वहीं महिलाओं के लिए दाईं आंख फड़कना अशुभ संकेत देता है। कहते हैं कि अगर पुरुषों की दाईं आंख, पलक और भौंह फड़कती हैं तो उनकी इच्छाएं जल्द पूरी होने वाली होती हैं। ये उनकी पदोन्नति और धन लाभ कि तरफ इशारा करता है। वहीं महिलाओं की दाईं आंख फड़कने का अर्थ है कि घर में कलह होने वाली है या फिर उनका कोई काम बिगड़ सकता है। (Shakun Apshakun)
बाईं आंख फड़कने का मतलब
महिलाओं की बाईं आंख, पलक और भौंह फड़कना शुभ माना जाता है जबकि पुरुषों की बाईं आंख फड़कना अपशकुन कि तरफ इशारा करता है। शकुनशास्त्र में बताया गया है कि अगर किसी महिला की बाईं आंख फड़कती है तो इसका मतलब है कि उसे कोई अच्छा समाचार प्राप्त होने वाला है। यह आकस्मिक धन लाभ का भी संकेत देता है। वहीं पुरुषों की बाईं आंख फड़कने का अर्थ है कि उनका किसी के साथ वाद-विवाद बढ़ सकता है और उसे मुश्किल झेलनी पड़ सकती है । (Shakun Apshakun)
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