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Up Kiran, Digital Desk: आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों का तबादला एक सामान्य प्रक्रिया होती है, लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में एक शिक्षिका की विदाई ऐसी हुई कि देखने वालों की आंखें नम हो गईं। सरैया प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय आरोपुर में सेवारत शिक्षिका रेखा कुमारी चौधरी का तबादला हुआ, तो स्कूल स्टाफ, छात्र-छात्राएं और पूरे गांव ने मिलकर उनकी विदाई को एक अविस्मरणीय आयोजन में बदल दिया।

दुल्हन सी सजी गाड़ी, बैंड-बाजे की धुन पर निकली विदाई

नजारा कुछ ऐसा था कि शायद ही पहले कभी देखा गया हो। शिक्षिका रेखा चौधरी को फूलों के हार से लाद दिया गया था, मानो कोई दुल्हन हो। उनकी गाड़ी को भी खूबसूरती से फूलों से सजाया गया था। गांव वालों ने बैंड-बाजे के साथ उनकी विदाई की शोभा बढ़ाई। यह दृश्य देख हर कोई भावुक हो उठा, और खुद शिक्षिका रेखा चौधरी भी अपने आंसू रोक नहीं पाईं।

'यह विद्यालय मेरा परिवार था' शिक्षिका का भावुक विदाई भाषण

विद्यालय परिसर में विदाई के लिए एक विशेष मंच सजाया गया था। छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रिय शिक्षिका के सम्मान में विदाई भाषण दिए, जिससे माहौल और भी भावुक हो गया। प्रधानाध्यापक ने उन्हें प्रतीक चिन्ह और शॉल भेंट कर सम्मानित किया, जबकि अन्य शिक्षकों ने उन्हें मालाएं पहनाईं। बच्चों के मासूम और दिल छू लेने वाले भाषणों ने रेखा चौधरी को इतना भावुक कर दिया कि उनकी आंखों से आंसू टपकने लगे।

मंच पर ही भावुक होकर रेखा चौधरी ने कहा, "यह विद्यालय मेरे परिवार की तरह था। मैं अपने वेतन का सारा पैसा अपने विद्यालय के छात्र-छात्राओं के बीच कॉपी-किताब के लिए बांट देती थी। मैं इस विद्यालय को नहीं, इस परिवार को छोड़कर जा रही हूं, इसलिए दुखी हूं।" उन्होंने बताया कि वह इस स्कूल में 21 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही थीं। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "इस विद्यालय में मुझे छात्र-छात्राएं, अभिभावक और शिक्षकों से जो सम्मान मिला, वह मैं कभी नहीं भूल सकती।"

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