इन दिनों सावन का महीना चल रहा है। ये महीना भगवान भोले नाथ को अतिप्रिय है। कहते हैं कि इस महीने में भगवान शिव का नाम जपने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान शिव सभी देवों में सबसे दयालु और कृपालु माने जाते हैं। ये मात्र एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में शिव चालीसा का भी जिक्र किया गया है। मान्यता है कि यदि नियमानुसार शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ किया जाए तो भोलेनाथ प्रसन्न होकर भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
शास्त्रों के कहा गया है कि शिव चालीसा (Shiv Chalisa) भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बेहद प्रभावशाली है।माना जाता है कि अगर शिव चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से किया जाए, तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं इसे लेकर कुछ नियम बताए गए हैं। जैसे कि अगर इसे सावन माह से शुरू किया जाए, तो ये विशेष फलदायी होता है। आइए जानते हैं शिव चालीसा के नियम और फायदों के बारे में।
शिव चालीसा (Shiv Chalisa) के नियम
धार्मिक शास्त्रों में बताया गया कि शिव चालीसा में भगवान शिव का स्तुतिगान है। वैसे तो शिव चालीसा का पाठ किसी भी दिन किसी भी समय किया जा सकता है. लेकिन अगर सोमवार के दिन किया जाये तो विशेष फलदायी होता है क्योंकि ये दिन भगवान शिव को समर्पित है।
शिव चालीसा (Shiv Chalisa) के फायदे
शास्त्रों में शिव चालीसा पाठ करने के फायदों के बारे में बताया गया है। कहते हैं कि शिव चालीसा का पाठ अगर गर्भवती महिलाएं करती है तो उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है। इससे गर्भवती महिला के बच्चों की रक्षा होती है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए भी शिव चालीसा का पाठ किया जाता है।
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