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Up Kiran, Digital Desk: टीवी एक्ट्रेस तेजस्वी प्रकाश जैसी कई हस्तियों की तरह आम लोग भी रातभर जागने और तनाव से जूझने का सामना कर रहे हैं, ये कोई नई बात नहीं है. एक मनोवैज्ञानिक ने अब इस 'बेचैन रातों के पीछे की खामोश मानसिक जंग' के बारे में विस्तार से बताया है, जो दिखाता है कि यह समस्या कितनी गहरी है और कैसे हमारे जीवन पर असर डालती है.

विशेषज्ञ का कहना है कि सिर्फ तेजस्वी प्रकाश ही नहीं, बल्कि कई लोग नींद न आने (sleepless nights) जैसी समस्या से जूझते हैं. यह अक्सर चिंता, तनाव, डिप्रेशन या रोजमर्रा के दबाव का नतीजा होती है. कई बार हमें लगता है कि ये सिर्फ 'नींद की कमी' है, लेकिन असल में इसके पीछे हमारी मानसिक सेहत (mental health) की खामोश लड़ाई चल रही होती है, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. साइकोलॉजिस्ट ने समझाया कि जब हम अपनी भावनाओं को दबाते हैं या तनाव को सही तरीके से मैनेज नहीं कर पाते, तो इसका असर हमारी नींद पर पड़ता है. लगातार नींद न आने से दिनभर थकान, चिड़चिड़ापन और काम में मन न लगने जैसी समस्याएं आती हैं. यह एक संकेत है कि हमें अपनी मानसिक सेहत पर ध्यान देने और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेने की जरूरत है, क्योंकि नींद की गुणवत्ता सीधे तौर पर हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़ी होती है.