मेरठ/बागपत। बागपत के अपर जिला सूचना अधिकारी राहुल सिंह भाटी का घूंस लेते हुए वीडियो वायरल हुआ तो एकाएक महकमे में हड़कम्प मच गया। निदेशक ने जांच के आदेश दिए। अपर निदेशक अंशुमान राम त्रिपाठी ने भाटी को तलब भी किया। पर उसके बाद अचानक पूरे महकमे में भार्टी प्रकरण को लेकर सन्नाटा पसरा है। सूत्रों की मानें तो उसकी विभाग के आला अफसरों से बात के बाद ऐसी कुछ जानकारी निकल कर सामने आयी है। जिसके बाद अफसर इस मामले में कुछ बोलने से कतरा रहे हैं और भाटी अपने पद पर जमा हुआ है। इससे पूरे विभाग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
विभाग की तबादला नीति के मुताबिक तीन साल तक एक ही पद पर जमे व्यक्ति के स्थानान्तरण का नियम है। पर भाटी पिछले छह साल से बागपत में ही जमा हुआ है और लगातार लम्बे समय से बागपत में जमे होने की वचह से भ्रष्टाचार से जुड़ी घटनाएं सामने आ रही है। इससे भी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह सब तब हो रहा है, जब खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने को लेकर अफसरों को आगाह कर चुके हैं। भ्रष्टाचार के प्रति सरकार के सख्त रूख का ही नतीजा है कि प्रदेश भर के भ्रष्ट अधिकारियों में दहशत का माहौल है। पर मुख्यमंत्री के अधीन सूचना विभाग में ही सीएम की नीति का खिलौना बनकर रह गयी है।
क्या है मामला
बागपत में विगत 6 वर्षों से एक ही पद पर जमे अपर सूचना अधिकारी राहुल सिंह भाटी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें अपर सूचना अधिकारी राहुल सिंह बेख़ौफ़ होकर रिश्वत की मांग करता हुआ दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं सूचना विभाग का ये अधिकारी वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से 20 से 30 फीसदी रिश्वत मांगते हुए देखा व सुना जा सकता है। वायरल वीडियो में खुलेआम रिश्वत लेते हुए अपर जिला सुचना अधिकारी राहुल सिंह भाटी का मानना है कि कोई भी काम हो बिना रिश्वत के नहीं होता है। जिला अपर सूचना बागपत द्वारा वायरल वीडियो में कमीशन तय करने की बात कही जा रही है।
वीडियो के वायरल होते ही अपर जिला सूचना अधिकारी राहुल सिंह भाटी पर सख्ती बरतते हुए सूचना निदेशक शिशिर सिंह ने प्रकरण को अति गंभीर मानते हुए अपर निदेशक अंशुमान त्रिपाठी को जाँच करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए। सूत्रों की मानें तो निदेशक सूचना मामले को लेकर काफी आक्रोश में थे। मिली जानकारी के मुताबिक अपर निदेशक सूचना श्री त्रिपाठी ने अपर जिला सूचना अधिकारी बाग़पत राहुल सिंह को लखनऊ तलब किया और सम्बंधित लोगों को अपर निदेशक श्री त्रिपाठी ने बुलाकर बात भी की, लेकिन उपरोक्त प्रकरण में अंदरखाने क्या कुछ चल रहा है ,इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी। बहरहाल सूचना विभाग के जिम्मेदार अफसरों से दो बार मिलकर राहुल सिंह भाटी वापस बाग़पत लौट चुके हैं। मामले को लेकर लगभग दो माह बीतने को है और विभाग की ओर से अब तक कोई विभागीय कार्रवाई न होने से राहुल सिंह भाटी जैसे भ्रष्ट अफसरों के हौंसले बढे हुए दिखाई दे रहे हैं।
विभाग स्तर पर एडीआइओ राहुल सिंह भाटी के विरुद्ध कार्रवाई में हिला-हवाली को देखते मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गयी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने आदेश दिनांक 14-09-2022 के द्वारा डीएम बाग़पत को कार्रवाई के लिए निर्देश देते हुए कृत कार्रवाई से अवगत कराने को लिखा लेकिन अभी तक डीएम बाग़पत ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले को लेकर जब डीएम बाग़पत राजकमल यादव से बात करनी चाही तो उनके कार्यालय द्वारा कहा गया कि साहब मीटिंग में है। ऐसे में अपर जिला सूचना अधिकारी बागपत राहुल सिंह पर कोई कार्रवाई होगी या ऐसे भ्रष्ट सूचना अधिकारी मुख्यमंत्री योगी की जीरो टॉलरेंस की नीति का ऐसे ही मजाक बनाते रहेंगे।
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