Ajab Gajab News. यूपी का स्वास्थ्य महकमा पिछली सरकारों के कार्यकाल के समय से ही घपले और घोटालों को लेकर बदनाम रहा है। गड़बड़ियों की पोल लगातार खुल रही है। अब एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसमें मृतक आश्रित कोटे पर एक की जगह कनिष्ठ पदों पर दो नियुक्तियां हो गईं। इनमें से एक बसपा सरकार में बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले का मुख्य आरोपी गिरिजेश कुमार पांडेय (लखनऊ) और दूसरा उनका भाई बृजेश कुमार पांडेय है। प्रकरण की शिकायत भी उच्चाधिकारियों से की गई है। पर कार्रवाई शून्य है।
बृजेश पांडेय पिछले चार साल में दो बार सस्पेंड हो चुके हैं। पिछले महीनों वह देवरिया में स्टोरकीपर के पद पर तैनात थे। उनका तबादला सिद्धार्थनगर हुआ। उन्होंने अपना तबादला रूकवाने की पूरी कोशिश की। पर उसमें सफल नहीं हुए और अंतत: चार माह बाद सिद्धार्थनगर में अपनी ज्वाइनिंग दी।
बृजेश पांडेय के अनियमितताओं की सीएम से शिकायत करते हुए सिद्धार्थनगर के तत्कालीन सीएमओ डा सीमा राय को 1.5 लाख रूपये घूस देने का आरोप भी लगाया गया है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि बृजेश पांडेय ने सीएमओ को घूंस देेकर राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन जैसा अहम पटल पर अपनी तैनाती करा ली। शिकायत में बृजेश पांडेय के कारनामों के जांच की मांग की उच्चस्तरीय मांग की गई है। (Ajab Gajab News)
शिकायती पत्र में कहा गया है कि देवरिया के तत्कालीन डीएम अमित किशोर ने पांडेय के काम में अनियमितताओं देखी और अथक प्रयासों से बृजेश का तबादला कराया। उसके बाद भी पांडेय अपना तबादला रूकवाने में जुटे रहें। पर उनकी एक नहीं चली और उन्हें देवरिया जनपद से रिलीव होना ही पड़ा।
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