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यूक्रेन और रूस दो साल से ज्यादा वक्त से युद्ध में हैं। इस युद्ध में दोनों देशों के कई सैनिक मारे गए हैं। इसलिए दोनों देशों को सैनिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यूक्रेन की ओर से एक अहम फैसला लिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि यह नियम यूक्रेनी सेना में निचली रैंकिंग वाले पदों को भरने के लिए बनाया गया है। यूक्रेन में एक 'मोबिलाइजेशन कानून' लागू किया गया है।

प्रेसिडेंट ज़ेलेंस्की द्वारा विधेयक पर हस्ताक्षर करने के एक दिन के भीतर ही ये कानून बन गया। ये कानून पिछले साल यूक्रेन की संसद द्वारा पारित किया गया था, मगर यह स्पष्ट नहीं है कि राष्ट्रपति ने कानून को लागू करने में इतना समय क्यों लगाया।

बता दें कि यूक्रेन ने सैन्य भर्ती के लिए आयु सीमा 27 से बढ़ाकर 25 कर दी है। कई विशेषज्ञों की राय है कि इसका मकसद नए नागरिकों को सेना में शामिल होने और देश सेवा में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही दो साल से ज्यादा समय से चल रहे युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के लिए भी कई पद खाली हैं। इन पदों पर नई भर्ती के लिए जवानों की जरूरत है। ऐसे में सेना और प्रशासन को उम्मीद है कि भर्ती के लिए आयु सीमा में छूट से युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। सैनिकों की कमी के कारण 'मोबिलाइजेशन कानून' लागू किया गया है। 

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